इस वजह से करुण नायर पर भारी पड़े हनुमा विहारी और टीम में मिली जगह
हनुमा विहारी ने इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच में अपना टेस्ट डेब्यू किया।
अभिषेक त्रिपाठी, लंदन। भारतीय क्रिकेट टीम और प्रबंधन खिलाडि़यों के बारे में क्या विचार रखता है यह उसकी चयन प्रक्रिया से समझ में आता है। भारतीय टीम की खराब बल्लेबाजी और शुरुआती चार टेस्ट हारने के बावजूद विराट ने करुण नायर को अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया, लेकिन पिछले टेस्ट से पहले टीम में शामिल हुए हनुमा विहारी को तुरंत टेस्ट कैप थमा दी गई। इसमें कोई शक नहीं कि हनुमा का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन शानदार रहा है, लेकिन इस सीरीज की शुरुआत से भारतीय टीम में शामिल करुण नायर भी अंतिम एकादश में शामिल होने के दावेदार थे।
भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कहा कि करुण नायर का क्या? वह यहां शुरुआत से भारतीय टीम के साथ हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में चेन्नई में नाबाद तिहरा शतक लगाया था। वह स्वीप भी अच्छी तरह से कर लेते हैं। उनका चयन नहीं किया गया और जो व्यक्ति ओरिजनल टीम में था भी नहीं। आखिरी दो मैच के लिए जिसका चयन किया गया वह अंतिम एकादश में खेल गया। वह आपका पसंदीदा खिलाड़ी नहीं है। ऐसा लगता है कि चयनकर्ता उसे टीम में लाए हैं। लगता नहीं कि टीम प्रबंधन उन्हें पसंद करता है। करुण को टीम प्रबंधन से यह पूछने का अधिकार है कि वह अंतिम एकादश में क्यों नहीं हैं? वह जवाब का हकदार है। पहले आपने एक अतिरिक्त बल्लेबाज नहीं चुना और अब आपने यह किया।
हनुमा का घरेलू रिकॉर्ड शानदार है, लेकिन 26 वर्षीय करुण भी टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले भारत के चुनिंदा बल्लेबाजों में से हैं। वह भारत के लिए छह टेस्ट खेल चुके हैं और दायें हाथ से ऑफ ब्रेक गेंदबाजी भी कर लेते हैं।
हनुमा को सौंपी टेस्ट कैप
भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पांचवें और सीरीज के अंतिम मैच में हनुमा को हार्दिक पांड्या की जगह टीम की अंतिम एकादश में शामिल किया गया। वह भारत के लिए टेस्ट में पदार्पण करने वाले 292वें खिलाड़ी बन गए हैं। 24 साल के हनुमा भारत-ए और अंडर-19 टीम का हिस्सा रह चुके हैं। वह आंध्र प्रदेश की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलते रहे हैं। दायें हाथ के बल्लेबाज हनुमा ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करते हैं। घरेलू क्रिकेट में 59.45 के औसत से रन बनाने के कारण उन्हें टीम में जगह मिली है। कोहली ने शुक्रवार को ओवल स्टेडियम में उन्हें टेस्ट कैप सौंपी। उन्होंने करुण नायर की जगह हनुमा विहारी को चुनने का बचाव किया। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के इस खिलाड़ी ने 60 के औसत से रन बनाए हैं। वह ऑफ स्पिन भी कर लेते हैं।
हनुमा का औसत दुनिया में सबसे बेहतर
हनुमा के नाम तिहरा शतक है। वर्तमान क्रिकेटरों में उनका औसत दुनिया में सबसे बेहतर है। वह 59.45 के औसत से शीर्ष पर हैं। स्टीव स्मिथ इस मामले में दूसरे नंबर पर हैं। इससे समझ आता है कि विहारी ने किस निरंतरता के साथ रन बनाए हैं। इस साल जून में उन्हें भारत-ए के इंग्लैंड दौरे के लिए सीमित ओवरों और चार दिन के मैचों की टीम में चुना गया था। वहां त्रिकोणीय सीरीज में वह 253 रन बनाने में कामयाब हुए। कुछ समय पहले दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ बेंगलुरु में खेले गए प्रथम श्रेणी मैच में उन्होंने 148 रन बनाए थे। पिछली पांच प्रथम श्रेणी पारियों में उनका एक शतक और दो अर्धशतक हैं। विहारी ने रणजी सत्र के छह मैचों में 94 के औसत से 752 रन बनाए। इसमें करियर की सर्वश्रेष्ठ नाबाद 302 रनों की पारी शामिल है, जो उन्होंने ओडिशा के खिलाफ खेली थी।
रणजी ट्रॉफी में बनाए थे सबसे ज्यादा रन
हनुमा विहारी के रिकॉर्ड पर ध्यान दें तो वर्ष 2017-18 में वह रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे। वह सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से 2013 और 2015 में आइपीएल में खेल चुके हैं। वह भारत-ए टीम का हिस्सा रहे हैं और आठ पारियों में 667 रन बनाए, जिसमें एक तिहरा शतक भी शामिल है। हनुमा ने 63 प्रथम श्रेणी मैच और 65 टी-20 मैच खेले हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 15 शतक और 25 अर्धशतकों की मदद से 5000 से ज्यादा रन बनाए हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 19 और टी-20 में 21 विकेट लिए हैं। वह भारतीय क्रिकेट टीम में 19 साल बाद खेलने वाले आंध्र प्रदेश के खिलाड़ी भी बन गए। उनसे पहले इस वक्त चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद आंध्र प्रदेश से टीम इंडिया का हिस्सा थे, लेकिन इस बात को 19 साल बीत चुके हैं। उसके बाद आंध्र प्रदेश का कोई भी खिलाड़ी भारतीय टेस्ट टीम में नहीं रहा।