Move to Jagran APP

मैदान पर बहस सम्मान देने जैसा है- गिलक्रिस्ट

भारत और ऑस्ट्रेलिया जब क्रिकेट के मैदान पर भिड़ते हैं तो कई बार बहस हो जाती है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट को इस आक्रामकता को कम करना जरूरी नहीं लगता क्योंकि उनका मानना है कि तीखी बहस असल में विरोधी के सम्मान का सूचक है।

By Edited By: Published: Mon, 28 Jan 2013 09:54 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2013 09:54 PM (IST)
मैदान पर बहस सम्मान देने जैसा है- गिलक्रिस्ट

नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया जब क्रिकेट के मैदान पर भिड़ते हैं तो कई बार बहस हो जाती है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट को इस आक्रामकता को कम करना जरूरी नहीं लगता क्योंकि उनका मानना है कि तीखी बहस असल में विरोधी के सम्मान का सूचक है।

loksabha election banner

दोनों टीमों के बीच 22 फरवरी से शुरू हो रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज के बारे में गिलक्रिस्ट ने कहा कि यह बेजोड़ प्रतिद्वंद्विता है और मुझे लगता है कि खेल स्थल में जब इतनी आक्रामकता हो जाती है तो यह सम्मान का संकेत है। आप विरोधी से डरा हुआ महसूस करते हो इसलिए अतिरिक्त प्रयास करते हो और इसके कारण तीखी बहस हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान का संकेत है, लेकिन मैंने सीखा है कि एक संस्कृति में जो चीज स्वीकार्य हो वह किसी अन्य में किसी दूसरे को क्रोधित कर सकती है। गिलक्रिस्ट ने कहा कि हाल में इंग्लैंड के खिलाफ खराब प्रदर्शन सहित टेस्ट क्रिकेट में भारत की खराब फॉर्म को ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए मौके के तौर पर देखा जा सकता है जो बदलाव के दौर से गुजर रही है। गिलक्रिस्ट ने कहा कि दुनिया की दो-तीन शीर्ष टीमें बराबरी की हैं। वे किसी भी टीम को हरा सकती हैं। इंग्लैंड ने यहां भारत को चुनौती दी इसलिए ऑस्ट्रेलिया के पास यहां मौका है। मुझे यकीन है कि यह बेहतरीन सीरीज होगी। गिलक्रिस्ट ने दोनों देशों के बीच उद्योग और सांस्कृतिक रिश्तों के जश्न के तौर पर मैग्जीन के लांच के इतर कहा कि क्रिकेट खेलने वाले किसी भी देश के लिए भारत का दौरा हमेशा मुश्किल होता है। इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि भारतीय हालात में स्पिनर अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन यहां का दौरा करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीमें मुख्य रूप से तेज गेंदबाजी पर ध्यान देती हैं।

गिलक्रिस्ट ने कहा कि भारत में स्पिन हमेशा अहम होती है। वर्ष 2004 में शेन वार्न ने बड़ी भूमिका निभाई थी, लेकिन हमारे पास ऐसा आक्रमण है जो तेज गेंदबाजी पर अधिक केंद्रित है। यह देखना रोचक होगा कि कैसी ऑस्ट्रेलियाई टीम चुनी जाती है और वे इन मुश्किल हालात से कैसे निपटते हैं। ऑस्ट्रेलिया को हमेशा से परेशान करने वाले सचिन तेंदुलकर अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। गिलक्रिस्ट ने कहा कि भारत के इस दिग्गज खिलाड़ी का संन्यास उनके प्रशंसकों के लिए ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया में भी अहम लम्हा होगा। उन्होंने कहा कि विश्व क्रिकेट में उनके सम्मान को कोई चुनौती नहीं दे सकता। पिछले साल उन्हें ऑर्डर ऑफ मेरिट दिया जाना दर्शाता है कि ऑस्ट्रेलिया में उनकी क्या अहमियत है। अगर यह उनकी अंतिम सीरीज हुई या जब भी वह अपने करियर का अंत करेंगे तो ऑस्ट्रेलिया से भी उन्हें काफी सम्मान दिया जाएगा।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.