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'गौतम गंभीर क्रिकेट के मैदान पर कभी चुनौतियों से दूर नहीं भागे, क्रिकेट के लिए वो जुनूनी थे'

वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि गौतम गंभीर मैदान पर हर चुनौतियों से निपटना जानते थे।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 06:06 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 06:06 PM (IST)
'गौतम गंभीर क्रिकेट के मैदान पर कभी चुनौतियों से दूर नहीं भागे, क्रिकेट के लिए वो जुनूनी थे'
'गौतम गंभीर क्रिकेट के मैदान पर कभी चुनौतियों से दूर नहीं भागे, क्रिकेट के लिए वो जुनूनी थे'

नई दिल्ली, जेएनएन। वीवीएस लक्ष्मण इन दिनों अपने साथ खेल चुके अपने पूर्व साथी खिलाड़ियों को विशेष श्रद्धांजलि दे रहे हैं और इसी क्रम में उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर की जमकर तारीफ की। इससे पहले उन्होंने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, युवराज सिंह, जहीर खान, अनिल कुंबले और आशीष नेहरा जैसे खिलाड़ियों की जमकर तारीफ कर चुके हैं। 

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वीवीएस लक्ष्मण ने गौतम गंभीर की तारीफ करते हुे कहा कि वो क्रिकेट के प्रति काफी जुनूनी थे और क्रिकेट के मैदान पर किसी भी चुनौती का सामना करने से पीछे नहीं हटे। गंभीर के बारे में लक्ष्मण ने अपने ट्विटर पर लिखा कि जानने को उत्सुक  और खेल के प्रति पूरी तरह से जुनूनी गौतम गंभीर, वो कभी भी किसी भी चुनौती का सामना करने से पीछे नहीं हटे, चाहे वो दुनिया कि कैसी भी पिच या फिर मैदान हो। उन्होंने हमेशा ही निडरता के साथ हर तरह की चुनौतियों का डटकर सामना किया। उन्हें ये पता होता था कि उस तरह कि चुनौतियों से उन्हें कैसे निपटना है। 

आपको बता दें कि गौतम गंभीर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू साल 2003 में किया था और भारत के लिए 58 टेस्ट मैचों में 4154 रन, 147 वनडे मैचों में 5248 रन जबकि 37 टी 20 इंटरनेशनल मैचों में 932 रन बनाए थे। उन्होंने साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल और साल 2011 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में शानदार पारी खेलकर टीम की खिताबी जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। 

साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल मैच में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 75 रन की काफी अहम पारी खेली थी जिसके दम पर भारत का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा था और भारत को इस मैच में रोमांचक जीत भी मिली थी। वहीं 2011 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल मैच में उन्होंने 97 रन की पारी तब खेली थी जब टीम को इस पारी की सचमुच काफी जरूरत थी क्योंकि सचिन और सहवाग जल्दी ही आउट हो गए थे। इसके अलावा कप्तान के तौर पर उन्होंने केकेआर को दो बार आइपीएल खिताब साल 2012 और 2014 में दिलाए। 


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