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खुद को नहीं रोक पाए पिता संजीव वर्मा, बेटी शेफाली का मैच देखने के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना हुए

Father Sanjeev Verma left for Australia to watch daughter Shafali Verma final match भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 8 मार्च को फाइनल मैच खेला जाएगा।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 06:59 PM (IST)
खुद को नहीं रोक पाए पिता संजीव वर्मा, बेटी शेफाली का मैच देखने के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना हुए
खुद को नहीं रोक पाए पिता संजीव वर्मा, बेटी शेफाली का मैच देखने के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना हुए

नई दिल्ली, जेएनएन। India vs Australia ICC Womens T20 World Cup 2020 Final Match: आइसीसी टी-20 की नंबर वन खिलाड़ी रोहतक की बेटी क्रिकेटर शेफाली वर्मा के पिता संजीव वर्मा फाइनल में बेटी को खेलते देखने के लिए आस्ट्रेलिया रवाना हो गए हैं। वे ग्राउंड में ही बैठकर मैच देखेंगे। यह बात बताते हुए शेफाली के पिता संजीव वर्मा भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि बेटी की बदौलत ही उन्हें इंटरनेशनल फ्लाइट में बैठने का मौका मिला है। बता दें कि आइसीसी महिला टी-20 का फाइनल मुकाबला 8 मार्च को होना है।

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14 दिन पहले बना पासपोर्ट, मां का नहीं बन पाया

शेफाली की मां प्रवीण बाला भी आस्ट्रेलिया में महिला टी-20 व‌र्ल्ड कप देखना चाहती थीं लेकिन उसके पास पासपोर्ट नहीं था। उन्होंने पासपोर्ट बनवाने का प्रयास भी किया, लेकिन समय पर नहीं बना। पिता संजीव वर्मा का भी 14 दिन पहले ही किसी तरह पासपोर्ट बन पाया। मां ने बताया कि अब टीवी पर ही फाइनल मैच देखेंगी। उन्हें उम्मीद है कि यह प्रतियोगिता भारत ही जीतेगा।

शेफाली की वजह से देखने लगे महिला क्रिकेट

संजीव वर्मा ने बताया कि पड़ोसी, सतीश, सतपाल, राहुल, अमन, सुदेश, शीला व नीरज कहते हैं कि शेफाली के खेल के कारण महिला क्रिकेट भी देखना शुरू कर दिया है। पहले कभी महिला क्रिकेट में रुचि नहीं थी लेकिन जिस तरह से शेफाली वर्मा ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रही हैं, उससे इस खेल के प्रति लगाव बढ़ा है।

भाई बीमार हुआ तो शेफाली उनके स्थान पर खेलने पहुंच गई

संजीव वर्मा ने बताया कि एक बार मेरा बेटा बीमार होने के कारण क्रिकेट मैच खेलने के लिए नहीं जा सका। बेटे की जगह शेफाली को मैच खेलने के लिए बोला गया तो वह तुरंत तैयार हो गई। उसने लड़कों के मैच में बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उसमें काफी आत्मविश्वास आया और इसके बाद लड़कों के साथ ही प्रेक्टिस शुरू कर दी। कभी मैच में चोटिल होने का डर उसे नहीं सताता था। यही कारण है कि आज शेफाली भारतीय टीम की अहम खिलाड़ी बन गई हैं।

फटे ग्लब्स किट बैग में छुपा लेती थीं

शेफाली खुद मानती हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उसके बै¨टग ग्लब्स फटे और गंदे थे। मैच खेलने के तुरंत बाद ग्लब्स को किट बैग में छुपा लेती थी ताकि कोई देख न ले। बैट भी टूटा होता था, जिसे रिपेयर करके ही इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन, पहले जिस परिस्थितियों का सामना करके खेल पर ध्यान दिया, आज उसका परिणाम मिल रहा है।


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