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जगजाहिर हैं सौरव गांगुली और कोच रवि शास्त्री के मतभेद, अब नहीं चलेगा एकछत्र राज

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली और कोच रवि शास्त्री के बीच मतभेद जगजाहिर हैं। ऐसे में अब शास्त्री और विराट कोहली का एकछत्र राज नहीं चल सकता।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 09:13 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 07:22 PM (IST)
जगजाहिर हैं सौरव गांगुली और कोच रवि शास्त्री के मतभेद, अब नहीं चलेगा एकछत्र राज
जगजाहिर हैं सौरव गांगुली और कोच रवि शास्त्री के मतभेद, अब नहीं चलेगा एकछत्र राज

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री और बीसीसीआइ के नए अध्यक्ष बनने जा रहे सौरव गांगुली के मतभेद किसी से छुपे नहीं है। बीसीसीआइ की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में रहते गांगुली शास्त्री को कोच के लिए नहीं चुनना चाहते थे। वहीं, एक बार एक टॉक शो में भी शास्त्री ने गांगुली के बारे में एक विवादित बयान दिया था। इसके बाद दोनों के बीच में तल्खी किसी से भी छुपी नहीं थी। अब जब गांगुली बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने जा रहे हैं तो शास्त्री के लिए मुश्किल खड़ी होना तय है।

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शास्त्री ने दिया था विवादित बयान

एक टॉक शो में टीम इंडिया के मुख्य कोच शास्त्री ने कहा था कि मुझे समय की पाबंदी पसंद है। मैं इससे कभी समझौता नहीं करता हूं। मुझे लगता है कि यह एक आदत है। एक बार 2007 में बांग्लादेश दौरे पर मैं टीम इंडिया का मैनेजर था। हम सभी बस में बैठे थे और गांगुली ने देर कर दी। तब हम उन्हें छोड़कर चले गए थे। अगर मुझे नौ बजे बस लेकर निकलना है तो मैं नौ बजे ही निकलूंगा। तब गांगुली ने इसका जवाब दिया था कि आप शास्त्री का सुबह इंटरव्यू नहीं कर सकते हो। आप उन्हें ब्रेकफास्ट शो पर मत बुलाइए क्योंकि उन्हें याद नहीं रहता है वह क्या कहते हैं। जब मैं उनसे मिला तो मैं उनसे पूछूंगा कि आपने क्या कहा। मुझे लगता है कि ऐसा कभी हुआ ही नहीं था, लेकिन अच्छा यही है कि उनका सुबह की जगह शाम में इंटरव्यू किया जाए क्योंकि वह तब सभी बात याद रख पाएंगे।

जब हुए थे मतभेद

2017 चैंपियंस ट्रॉफी में तब के कोच अनिल कुंबले से कप्तान विराट कोहली के मतभेद होने की वजह से पूर्व दिग्गज स्पिनर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कोहली ने सीएसी से अंदरखाने शास्त्री को ही कोच बनाने की मांग की थी। गांगुली शास्त्री को कोच बनाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति और सचिन तेंदुलकर के कारण सौरव को पीछे हटना पड़ा। हालांकि, समय-समय पर गांगुली कोच के रवैये की आलोचना करते रहे। यही नहीं, शास्त्री ने भी कई बार कहा कि कुछ लोग जानबूझकर टीम और मेरी बुराई करते हैं।

अब नहीं चलेगा एकछत्र राज

कोहली और शास्त्री टी-20 विश्व कप की तैयारियों के लिए अपने नियमित अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडि़यों की जगह युवाओं को लगातार मौका दे रहे हैं। टीम में कुछ भी गलत हो रहा हो कोहली और शास्त्री ने एक लय में उसका समर्थन किया। फिर चाहे वह विदेशी टेस्ट दौरों पर खराब निर्णय हो या फिर विश्व कप में विजय शंकर जैसे खिलाड़ी का गलत चयन। अब गांगुली के अध्यक्ष बनने से इन एकतरफा फैसलों पर लगाम लगेगी।

कुलदीप-चहल का किया समर्थन

गांगुली ने हमेशा ही स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्रा सिंह चहल का समर्थन किया है। गांगुली हमेशा कहते आए हैं कि कुलदीप को तीनों प्रारूपों में टीम का मुख्य स्पिनर बनाना चाहिए। साथ ही वह टीम के मामलों पर भी खुलकर अपनी राय देते आए हैं जो अब शास्त्री के लिए मुश्किल खड़ी जरूर करेगी। 


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