धौनी के स्पेशल 21..और वो खास लम्हे
[शिवम् अवस्थी],नई दिल्ली। टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और उनके स्पेशल 21..दरअसल यह टीम इंडिया के कैप्टन कूल के कुछ खास खिलाड़ी या फिर सफलता के कोई फॉर्मूले नहीं हैं बल्कि कप्तान के तौर पर यह वह 21 जीत हैं जिन्होंने धौनी को भारत के सफलतम टेस्ट कप्तानों में गांगुली के साथ शीर्ष पर शुमार कर दिया है। माही के फैंस बस एक जीत का और इंतजार है और जिसके बाद यह रांची का राजकुमार, प्रिंस ऑफ बंगाल यानी सौरव गांगुली से भी एक कदम आगे निकल जाएगा। कप्तान के तौर पर इन 21 टेस्ट जीत के दौरान कई ऐसे खास लम्हे रहे जिन्हें धौनी और उनके फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे। आइए आपको भी रूबरू कराते हैं उन खास पांच लम्हों से जिन्होंने इस स्पेशल 21 को सुपरहिट बनाया।
[शिवम् अवस्थी],नई दिल्ली। टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और उनके स्पेशल 21..दरअसल यह टीम इंडिया के कैप्टन कूल के कुछ खास खिलाड़ी या फिर सफलता के कोई फॉर्मूले नहीं हैं बल्कि कप्तान के तौर पर यह वह 21 जीत हैं जिन्होंने धौनी को भारत के सफलतम टेस्ट कप्तानों में गांगुली के साथ शीर्ष पर शुमार कर दिया है। माही के फैंस बस एक जीत का और इंतजार है और जिसके बाद यह रांची का राजकुमार, प्रिंस ऑफ बंगाल यानी सौरव गांगुली से भी एक कदम आगे निकल जाएगा। कप्तान के तौर पर इन 21 टेस्ट जीत के दौरान कई ऐसे खास लम्हे रहे जिन्हें धौनी और उनके फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे। आइए आपको भी रूबरू कराते हैं उन खास पांच लम्हों से जिन्होंने इस स्पेशल 21 को सुपरहिट बनाया।
1. ऑस्ट्रेलिया पर 320 रनों की रिकॉर्ड जीत (2008)
कप्तानी का ताज पहनने के बाद टीम इंडिया के इस कप्तान ने कंगारू टीम के खिलाफ पहली बार जब मोर्चा संभाला, तभी उन्होंने कंगारुओं को हिला कर रख दिया था। 2008 की उस बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के मोहाली में हुए उस दूसरे टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को रिकॉर्ड 320 रनों से पस्त किया (जो आज भी रनों के मामले में मिली भारत की सबसे बड़ी जीत है)। इस मैच की पहली पारी में धौनी ने शानदार 92 रन बनाए जबकि दूसरी पारी में वह 68 पर नाबाद रहे। धौनी का इसी टेस्ट में अपना पहला मैन ऑफ द मैच खिताब भी मिला।
2. भारतीय टेस्ट इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर, 726-9 (2009)
भारतीय टीम ने धौनी की कप्तानी में ही भारतीय टेस्ट इतिहास में एक पारी का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया। यह कारनामा हुआ 2009-10 सीजन में जब श्रीलंका भारत दौरे पर आई और सीरीज के तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में सहवाग के जानदार 293 रन और धौनी के बेमिसाल नाबाद शतक के दम पर टीम इंडिया ने 726 रन बनाकर पारी घोषित की। भारत को इस मैच में पारी और 24 रनों से जीत मिली थी।
3. टेस्ट में पहली बार बने नंबर वन (2009)
2009-10 की घरेलू टेस्ट सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ जैसे ही ब्रेबोर्न स्टेडियम, मुंबई पर भारत ने धौनी की कप्तानी में तीसरा टेस्ट व सीरीज अपने नाम की, वैसे ही उन्होंने एक और इतिहास रच डाला। भारत को पहली बार टेस्ट रैंकिंग नंबर वन बनने का मौका मिला और धौनी ने इसके साथ ही उन सभी आलोचकों का मुंह बंद कर दिया जो उन्हें सिर्फ क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट का कप्तान बनने लायक बता रहे थे।
4. डेब्यू कप्तान के तौर पर सबसे लंबे समय तक अपराजित
माही ने कप्तान बनते ही धमाल मचाना शुरू कर दिया था। उन्हें कप्तानी मिलने के बाद से लगातार 11 टेस्ट टेस्ट मैचों तक कोई भी टीम भारत को हरा नहीं सकी थी। डेब्यू कप्तान के तौर पर धौनी ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान वॉरविक आर्मस्ट्रांग का लगातार 10 टेस्ट में अपराजित रहने का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया था और आज भी यह एक विश्व रिकॉर्ड है। इस विजयी अभियान पर 2010 में दक्षिण अफ्रीका ने नागपुर टेस्ट में विराम लगाया था।
5. चेन्नई टेस्ट 2013, दोहरा शतक (2013)
भारत पिछली दो टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ पस्त हो चुकी थी। इंग्लैंड ने तो भारत को भारत में आकर भी रौंद दिया था। हर जगह धौनी को कप्तानी से हटाए जाने की मांग हो रही थी और सभी लोग धौनी के फॉर्म पर भी सवाल उठाने लगे थे। धौनी ने खुद को आलोचनाओं से दूर रखते हुए संयम बनाए रखा और फरवरी 2013 में हुए चेन्नई टेस्ट में उन्होंने दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ जोरदार धमाका करते हुए अपना पहला दोहरा शतक जड़ डाला जिसके दम पर भारत सीरीज में जीत से आगाज करने में सफल रहा और धौनी को मिला अपना दूसरा टेस्ट मैन ऑफ द मैच पुरस्कार और वह भी एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। धौनी ने अपनी इस यादगार पारी से कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए और एक बार फिर आलोचकों को करारा जवाब दिया।
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