बड़ा मौकाः क्या ये खिलाड़ी अब ले लेगा धौनी की जगह?
टीम इंडिया में इस समय अजीब तरह की उथल-पुथल मची हुई है। यूं तो सब कुछ ठीक है लेकिन अंदर ही अंदर खिलाड़ियों, उनके प्रदर्शन, विश्व कप के सेलेक्शन और बदलते हालातों से कई चीजें बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही हैं। इन्हीं में से एक बड़ा बदलाव है
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। टीम इंडिया में इस समय अजीब तरह की उथल-पुथल मची हुई है। यूं तो सब कुछ ठीक है लेकिन अंदर ही अंदर खिलाड़ियों, उनके प्रदर्शन, विश्व कप के सेलेक्शन और बदलते हालातों से कई चीजें बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही हैं। इन्हीं में से एक बड़ा बदलाव है टीम इंडिया में धौनी के भविष्य को लेकर। क्या जल्द ही टीम इंडिया के कप्तान धौनी को अपने विकेटकीपर के स्थान को छोड़ना होगा? क्या ये टीम के लिए फायदेमंद होगा और कौन सा खिलाड़ी उनकी जगह लेगा....यही हैं कुछ सबसे बड़े सवाल।
- इस खिलाड़ी के पास है 'सबसे बड़ा मौका':
टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया जाने को तैयार है। सभी फैंस की नजर इस टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच पर टिकी होंगी जो कि 4 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इसका बड़ा कारण है लंबे समय के बाद टेस्ट में महेंद्र सिंह धौनी के बिना टीम का मैदान पर उतरना। धौनी चोटिल हैं और विकेट के पीछे उनकी जगह बंगाल के 30 वर्षीय खिलाड़ी रिद्धिमान साहा मोर्चा संभालेंगे। साहा अगर इस मैच में अच्छी विकेटकीपिंग के साथ-साथ बढ़िया बल्लेबाजी भी करते हैं तो एक बड़ा विकल्प खुल सकता है। ये विकल्प है धौनी को विकेटकीपिंग से मुक्त करना। धौनी अगर विकेटकीपिंग से मुक्त होते हैं तो वो पूरी तरह से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो कि उनके साथ-साथ टीम के लिए भी फायदेमंद सौदा होगा। गौरतलब है कि इसी साल इंग्लैंड दौरे पर धौनी की विकेटकीपिंग काफी कमजोर नजर आई थी जिसका असर उनकी बल्लेबाजी पर भी पड़ता दिखा है। ऐसे में अगर साहा ने पहले टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया तो धौनी पर से बोझ कम किया जा सकता है।
- चैपल ने भी किया इस विकल्प का समर्थनः
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज इयान चैपल ने भी साहा का समर्थन किया है। चैपल का कहना है कि अगर साहा पहले टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो धौनी को विकेटकीपर बनाए रखने से अच्छा है कि उनको बल्लेबाज के तौर पर इस्तेमाल किया जाए। चैपल के मुताबिक देश से बाहर धौनी की विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी कुछ खास नहीं रही है और पिछले दो इंग्लैंड के दौरे व एक ऑस्ट्रेलियाई दौरा इसका सबूत रहा है।