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श्रीसंत, चंदीला, चह्वïन ने नहीं की कोई फिक्सिंग

इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) स्पॉट फिक्सिंग मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली पुलिस को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने निलंबित भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत, अजित चंदीला, अंकित चह्वïन समेत सभी 36 लोगों को आरोपमुक्त कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा की कोर्ट ने पुलिस

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2015 02:45 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2015 08:41 PM (IST)
श्रीसंत, चंदीला, चह्वïन ने नहीं की कोई फिक्सिंग

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) स्पॉट फिक्सिंग मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने निलंबित भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत, अजित चंदीला, अंकित चह्वïन समेत सभी 36 लोगों को आरोपमुक्त कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा की कोर्ट ने पुलिस के सभी आरोपों को खारिज कर दिया।

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अदालत ने आरोपियों को आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी के अलावा पुलिस द्वारा अलग से दर्ज किए गए मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) से भी आरोपमुक्त किया है। यह फैसला अदालत ने पुलिस द्वारा दायर छह हजार पेज की चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए दिया है। करीब डेढ़ सौ पेज के फैसले में अदालत ने कहा कि मामले में पुलिस आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई भी ठोस सुबूत पेश करने में नाकाम रही है। इसलिए सभी आरोपियों को आरोपमुक्त किया जा रहा है।

खचाखच भरा हुआ था अदालत कक्ष :

दोपहर करीब दो बजे अदालत कक्ष सभी आरोपियों, उनके वकीलों व अन्य लोगों से खचाखच भरा हुआ था। सुनवाई शुरू होने पर पुलिस की ओर से पेश हुए वकील राजीव मोहन ने कहा कि मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है। मामले में पैसों का हवाला समेत अन्य तरीकों से लेनदेन हुआ है। उनका कहना था कि मामले की जांच कर रही लोढ़ा समिति ने भी कई तथ्य उजागर किए हैं। मुंबई, चेन्नई, गुजरात समेत अन्य राज्यों की पुलिस मामले की जांच कर रहीं हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को लोढ़ा समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए समय चाहिए। पुलिस की अर्जी लेने के बाद अदालत ने मामले में चार बजे अपना फैसला सुनाने का समय तय किया। अदालत साढ़े चार बजे बैठी और न्यायाधीश ने केवल यह कहकर कि सभी आरोपियों को आरोपमुक्त किया जाता है, अदालत की कार्रवाई समाप्त कर दी। फैसला सुनने के बाद अदालत कक्ष में मौजूद कई लोगों ने तालियां बजाईं। फैसला सुनाते समय न्यायाधीश के चेहरे पर जहां मुस्कराहट थी। वहीं, फैसला आने के बाद कोर्ट रूम में मौजूद श्रीसंत फूट-फूटकर रोने लगे। आरोपमुक्त हुए लोग एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई देने लगे। इससे पूर्व गत 23 मई को दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने आरोप तय करने पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या था मामला :

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान रॉयल्स टीम के क्रिकेटर श्रीसंत को स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में 16 मई, 2013 को मुंबई के एक होटल से गिरफ्तार किया था। इसके बाद श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। श्रीसंत के बाद मामले में पुलिस ने चह्वïन व चंदीला को गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस की जांच भी संदेह के घेरे में आई थी और अदालत ने इस पर सवाल भी उठाया था। साथ ही यह भी कहा था कि प्रथमदृष्टया इस बात का कोई सुबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो कि आरोपी मैच फिक्सिंग में शामिल हैं। 11 जून, 2013 को श्रीसंत व चह्वïन को जमानत मिल गई थी। फिक्सिंग में श्रीसंत सबसे बड़ा नाम था क्योंकि वह 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। मामले में पुलिस ने छह हजार पेज की चार्जशीट अदालत में पेश की थी। बाद में पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया गया था। इसमें अडंरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, पाकिस्तान के सट्टेबाज जावेद चुटानी, सलमान व एहतेशाम समेत 42 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की सिफारिश की गई थी। इसमें दाऊद, छोटा शकील, चुटानी, सलमान व एहतेशाम सहित छह आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। चार्जशीट में पुलिस का आरोप था कि सभी आरोपी मैच फिक्सिंग व सट्टा रैकेट में शामिल हैं। अदालत मेंं पुलिस ने आरोपियों के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग साक्ष्य के रूप में पेश की थी। पुलिस की दलील थी कि मोबाइल की रिकॉर्डिंग से यह बात साबित होती है कि आरोपियों ने मैच फिक्सिंग द्वारा पैसा कमाने के लिए गठजोड़ किया था।

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