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गौतम गंभीर ने अरुण जेटली स्टेडियम में खुद किया अपने नाम के स्टैंड का उद्घाटन

अरुण जेटली स्टेडियम में गौतम गंभीर स्टैंड से पहले बिशन सिंह बेदी मोहिंदर अमरनाथ और विराट कोहली स्टैंड मौजूद हैं।

By Viplove KumarEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 12:46 AM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 12:46 AM (IST)
गौतम गंभीर ने अरुण जेटली स्टेडियम में खुद किया अपने नाम के स्टैंड का उद्घाटन
गौतम गंभीर ने अरुण जेटली स्टेडियम में खुद किया अपने नाम के स्टैंड का उद्घाटन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फिरोजशाह कोटला मैदान के अरुण जेटली स्टेडियम में गौतम गंभीर के नाम से बनाए गए स्टैंड का उद्घाटन मंगलवार को किया गया। इस स्टैंड का अनावरण पूर्व क्रिकेटर और सांसद गौतम गंभीर ने ही किया। इस दौरान उन्होंने क्रिकेट को बढ़ावा दिए जाने के लिए सभी जरूरी कार्यो को कराने की भी बात कही।

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इस मौके पर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सचिव विनोद तिहारा, उपाध्यक्ष राकेश बंसल और राजन मनचंदा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। हालांकि, इस कार्यक्रम में डीडीसीए के अध्यक्ष रजत शर्मा शामिल नहीं हुए।

अरुण जेटली स्टेडियम में गौतम गंभीर स्टैंड से पहले बिशन सिंह बेदी, मोहिंदर अमरनाथ और विराट कोहली स्टैंड मौजूद हैं। डीडीसीए की शीर्ष परिषद ने इस वर्ष जून में गौतम गंभीर स्टैंड को मंजूरी दी थी।

गंभीर ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि मैं दिल्ली में पैदा हुआ और यहां के लिए क्रिकेट खेला। आज मेरे नाम से जो स्टैंड बनाया गया है, वह बड़ा सम्मान है। उन्होंने कहा कि डीडीसीए में खिलाडि़यों का चयन करने के लिए जब बाहर के चयनकर्ता होंगे, तो यहां के खिलाडि़यों का भविष्य खतरे में ही रहेगा। जो स्वयं दिल्ली से नहीं है और दिल्ली के लिए क्रिकेट नहीं खेला है, वह दिल्ली के खिलाडि़यों और यहां के क्रिकेट के लिए निष्ठावान क्यों होगा।

डीडीसीए के जो भी चुने हुए पदाधिकारी हैं, उन्हें एक टीम की तरह काम करना होगा। तीन दिन में 800 बच्चों में 60 बच्चों का चयन किस आधार पर किया गया, यह ¨चता का विषय है। सिर्फ तीन दिनों में 800 बच्चों की प्रतिभा का आकलन करके उनमें से सिर्फ 60 का चयन मुझे असंभव दिखाई देता है।

उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में यह बात आई कि विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान गेंदबाजी कोच स्विट्जरलैंड घूमने चले गए। अगर ऐसा है तो यह बहुत गलत है। दिल्ली की टीम और क्रिकेट के साथ धोखा है।

उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों को प्रोत्साहन के साथ सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। इसके लिए पूर्व में भी कहा गया था कि 100 खिलाडि़यों को स्कॉलरशिप दी जाए। इनमें से जिसे नौकरी मिलती है, उसकी स्कॉलरशिप दूसरे नए खिलाड़ी को दी जाए। स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी, तो दिल्ली के खिलाड़ी दूसरी जगह से जाकर क्रिकेट खेलेंगे।

इसके अलावा अच्छे कोच उपलब्ध कराए जाएं। खिलाडि़यों को डेली अलाउंस दिया जाए। खिलाडि़यों के अभ्यास के इंडोर नेट होने चाहिए, जिससे मौसम के कारण उनका अभ्यास प्रभावित न हो। दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की विकेट को लेकर पहले भी कई बार आलोचना हुई है, लेकिन अब तक इस विकेट को बेहतर करने के लिए कुछ नहीं किया गया। जब विकेट को बेहतर करने के लिए कुछ नहीं किया गया, तो क्रिकेट को कैसे बेहतर किया जा सकता है।


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