सत्ता बदलने के बाद बदला दिल्ली की टीमों का प्रदर्शन, कुछ ऐसा है DDCA का लेखा-जोखा
DDCA दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में भले ही टीमों के चयन पर सवाल उठ रहे हों लेकिन सत्ता बदलने के बाद दिल्ली की टीमों के प्रदर्शन में सुधार दिख रहा है।
नई दिल्ली, योगेश शर्मा। विवादों के गढ़ दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में भले ही टीमों के चयन पर सवाल उठ रहे हों लेकिन सत्ता बदलने के बाद दिल्ली की टीमों के प्रदर्शन में सुधार दिख रहा है। 2017/18 के सत्र में दिल्ली की टीम रणजी ट्रॉफी में उप विजेता रही थी जबकि अंडर-23 टीम ने कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी अपने नाम की थी।
अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी में टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफल रही। 2018/19 के सत्र में दिल्ली रणजी टीम ग्रुप चरण तक खेल पाई थी जबकि अंडर-23 टीम ने भी ग्रुप चरण तक का सफर तय किया था। यही, प्रदर्शन अंडर-19 टीम का भी रहा। हालांकि अंडर-16 टीम प्री-क्वार्टर फाइनल तक खेली थी।
वर्तमान सत्र में दिल्ली की टीमों का शुरुआती प्रदर्शन खराब रहा। रजत शर्मा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पिछले साल 16 दिसंबर के बाद से तिहारा गुट डीडीसीए को चला रहा है। 16 दिसंबर से पहले दिल्ली रणजी टीम ने दो मैचों में एक मुकाबला ड्रॉ खेला तो एक में उसे हार मिली। वहीं, अंडर-23 टीम एकमात्र मैच को ड्रॉ खेलने पर मजबूर हुई।
अंडर-19 टीम ने तीन मैच खेले और इसमें एक मैच ड्रॉ रहा और एक मैच टीम हार गई। एक मैच बेनतीजा रहा। अंडर-16 टीम ग्रुप चरण तक खेली थी। हालांकि पिछले साल 16 दिसंबर के बाद रणजी टीम ने दो मैचों में एक ड्रॉ खेला तो एक में जीत हासिल की। यहीं, प्रदर्शन अंडर-23 टीम का रहा था। अंडर-19 टीम ने तीन मैचों में एक जीत दर्ज की, एक मैच ड्रॉ खेला जबकि एक मैच बेनतीजा रहा।
इसके अलावा 2017/18 के सत्र में दिल्ली की टीम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी की विजेता बनी तो विजय हजारे के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची। टीम नॉर्थ जोन से वीनू मांकड की चैंपियन भी बनी थीं। 2018/19 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टीम ग्रुप चरण तक खेल पाई थी। विजय हजारे और अंडर-23 में टीम उप विजेता रही जबकि वीनू मांकड में टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी। वर्तमान सत्र में टीम विजय हजारे के क्वार्टर फाइनल तक खेली थी जबकि सैयद मुश्ताक, अंडर-23 और वीनू मांकड में टीम सिर्फ ग्रुप चरण तक ही खेल पाई।
डीडीसीए के शीर्ष परिषद के संयोजक दिनेश शर्मा ने कहा कि जिन क्रिकेटरों के बीसीसीआइ से रजिस्ट्रेशन हो गए हैं हमने उन्हें टीम में शामिल किया और यही खिलाड़ी अच्छा कर रहे हैं। जो भी खिलाड़ी उन्होंने चुने थे तो हम उन्हीं में से खिला रहे हैं। हमने बाहर से कोई बच्चे नहीं लिए हैं। 16 दिसंबर को हमने कार्यभार संभाला है और हमारी जो भी टीम खेल रही है, उनमें उन्हीं के खिलाड़ी हैं, बस चयनकर्ता, सीएसी और चेयरमैन बदले हैं। उन्हीं टीमों को हरा रहे हैं जो अपने ग्रुप में किसी टीम से नहीं हारी थीं।