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दाऊद की आवाज ने खोला सट्टेबाजी का सच

भूपेन पटेल [मिड-डे] मुंबई। क्रिकेट को धर्म का दर्जा देने वाले देश को झकझोर कर रख देने वाले आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा किसी छुटभैये सट्टेबाज नहीं बल्कि अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के फोन से ही हुआ था। यह कॉल सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसीज के प्रयासों से इंटरसेप्ट (अलग करना) की गई थी। उसी कॉल से यह पता चला कि पाकिस्तान में डी कंपनी का सट्टेबाजी सिंडीकेट उसके विश्वस्त डॉ. जावेद चुटानी, सलमान और एहतेशाम चला रहे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 11 Aug 2013 09:58 PM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2013 10:30 PM (IST)
दाऊद की आवाज ने खोला सट्टेबाजी का सच

भूपेन पटेल [मिड-डे] मुंबई। क्रिकेट को धर्म का दर्जा देने वाले देश को झकझोर कर रख देने वाले आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा किसी छुटभैये सट्टेबाज नहीं बल्कि अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के फोन से ही हुआ था। यह कॉल सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसीज के प्रयासों से इंटरसेप्ट (अलग करना) की गई थी। उसी कॉल से यह पता चला कि पाकिस्तान में डी कंपनी का सट्टेबाजी सिंडीकेट उसके विश्वस्त डॉ. जावेद चुटानी, सलमान और एहतेशाम चला रहे हैं।

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यह सिंडीकेट तीन स्तर पर फैला हुआ था। पहले स्तर में दाऊद, छोटा शकील, चुटानी, रमेश व्यास, फिरोज, जितेंद्र जैन तथा चंद्रेश जैन उर्फ जुपिटर शामिल थे। दूसरे में सुनील भाटिया, चंद्रेश पटेल और मनन भंट्ट जैसे सट्टेबाज थे, जबकि तीसरे स्तर में अमित कुमार, मनीष गुड्डेवार तथा बाबू राव यादव जैसे फिक्सर व खिलाड़ी शामिल थे, जो चंदीला, श्रीसंत जैसे खिलाड़ियों को सुविधाएं देकर मैदान पर स्पॉट फिक्सिंग को अंजाम देते थे।

पाकिस्तानी सिंडीकेट दिल्ली, नागपुर, गुजरात, जयपुर, हैदराबाद, कोलकाता और अन्य जगहों पर काम कर रहे बुकीज के संपर्क में था। ये बुकीज फिक्सरों और स्थानीय क्रिकेटरों की मदद से अपने सट्टेबाजी सिंडीकेट के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को फिक्स करते थे।

दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट (इसकी प्रति मिड-डे के पास है) के अनुसार इस मामले की जांच पहली बार इसी साल 26 मार्च को शुरू की गई थी, जब उसने पाकिस्तान और दुबई के बीच फोन पर हुई एक असामान्य बातचीत सुनी। तब तक किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी कि जिस शख्स की कॉल इंटरसेप्ट की गई है उसको भारतीय सुरक्षा एजेंसियां दो दशकों से ढूंढ़ रही हैं। वह कॉल देश के सबसे बड़े वांछित अपराधी और अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद की थी। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पहली बार दाऊद की आवाज सुनी थी। उस आवाज को अब क्राइम रिकॉर्ड में डी वायस सैंपल के नाम से सुरक्षित कर लिया गया है। फोन पर दूसरा शख्स डॉ. जावेद चुटानी था। पाकिस्तान का रहने वाला चुटानी डी कंपनी का सबसे भरोसेमंद आदमी है और वह क्रिकेट सट्टेबाजी सिंडीकेट का मुखिया है।

कब-कैसे हुई कार्रवाई

15/16 मई 2013 की मध्यरात्रि : दिल्ली पुलिस ने मुंबई से क्रिकेटर एस. श्रीसंत, अंकित चह्वाण, अजीत चंदीला, जिज्जू जनार्दन, अमित कुमार, मनन भंट्ट और चंद्रेश पटेल को गिरफ्तार किया, जबकि दिल्ली से टिंकू मंडी, अजय गोयल, अमित गुप्ता, दीप्त गर्ग, रमाकांत अग्रवाल, दीपक कुमार और राकेश उर्फ रॉकी गिरफ्तार किए गए।

19 मई 2013 : औरंगाबाद में क्रिकेटर मनीष मथुकाराव, सट्टेबाज धोले और भाटिया गिरफ्तार।

21 मई 2013 : रणजी खिलाड़ी यादव दिल्ली में गिरफ्तार।

24 मई 2013 : हैदराबाद एयरपोर्ट पर मुहम्मद याहिया गिरफ्तार।

26 मई 2013 : हैदराबाद का निवासी व यूसुफ का सहयोगी सट्टेबाज बाबू सुनील चंद्र सक्सेना गिरफ्तार।

27 मई 2013 : नोएडा में भूपेंदर नागर गिरफ्तार।

29 मई 2013 : मुंबई के बांद्रा इलाके से श्रीसंत के नजदीकी मित्र अभिषेक शुक्ला को गिरफ्तार किया गया।

08 जून 2013 : मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार रमेश व्यास दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेजा गया।

11 जून 2013 : डी कंपनी का नजदीकी फिरोज फरीद मुंबई से गिरफ्तार।

27 जून 2013 : अहमदाबाद में फिक्सर जितेंद्र कुमार जैन उर्फ जीतू थराड गिरफ्तार।

06 अगस्त 2013 : सट्टेबाज चंद्रेश जैन उर्फ जूपिटर गिरफ्तार।

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