युवा क्रिकेटरों को टेस्ट की तरफ खींचने का प्रयास, अनुबंध राशि पांच गुना बढ़ाने का प्रस्ताव
अगली पीढ़ी का ध्यान क्रिकेट के चोटी के प्रारूप टेस्ट क्रिकेट की तरफ खींचा जा सके, इसलिए ये प्रस्ताव रखा गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रशासकों की समिति (सीओए) को भारतीय खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध में पांच गुना बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव मिला है। ताकि आइपीएल में हो रही धन वर्षा से प्रभावित अगली पीढ़ी का ध्यान क्रिकेट के चोटी के प्रारूप टेस्ट क्रिकेट की तरफ खींचा जा सके।
बीसीसीआइ में संवैधानिक और ढांचागत सुधारों पर लोढ़ा समिति के साथ काम करने वाली एक मशहूर शख्सियत ने सीओए को सुझाव भेजे हैं कि केंद्रीय अनुबंध में शीर्ष ग्रेड के खिलाड़ी को वर्तमान में मिल रही एक करोड़ रुपये के बजाय पांच करोड़ की धनराशि मिलनी चाहिए। अभी ग्रेड 'ए' के खिलाडि़यों को एक करोड़, जबकि ग्रेड 'बी' और 'सी' में शामिल खिलाडि़यों को क्रमश: 60 और 35 लाख रुपये वार्षिक तौर पर मिलते हैं। इनमें टेस्ट मैच खेलने वाली टीम में शामिल 11 खिलाड़ियों को मिलने वाली 15 लाख रुपये की मैच फीस शामिल नहीं है।
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आइपीएल की हाल में हुई नीलामी में चेतेश्वर पुजारा और इशांत शर्मा जैसे बड़े स्टार को किसी फ्रेंचाइजी टीम ने नहीं खरीदा, जबकि टी नटराजन या मुहम्मद सिराज जैसे अनजान खिलाड़ियों को क्रमश: तीन करोड़ और 2.6 करोड़ रुपये का अनुबंध मिला। रिकॉर्ड के लिए बता दें कि पुजारा ने 3000 से अधिक टेस्ट रन बनाए और उनके नाम पर दस शतक दर्ज हैं, जबकि इशांत ने 200 से अधिक टेस्ट विकेट लिए हैं।
बीसीसीआइ के शीर्ष सूत्र ने कहा, 'यह अच्छा प्रस्ताव है क्योंकि इसका मतलब होगा कि आइपीएल फ्रेंचाइजी से इतनी मोटी धनराशि हासिल करने वाले युवा यह समझें कि वास्तविक क्रिकेट 45 दिन में होने वाली दो करोड़ रुपये की कमाई से भी आगे है। प्रत्येक क्रिकेटर को करोड़ों रुपये के प्रायोजन अधिकार नहीं मिलते। टेस्ट क्रिकेट को असली प्रोत्साहन मिलना चाहिए।' अब देखना दिलचस्प होगा कि इस प्रस्ताव को कितनी गंभीरता से लिया जाता है।