अगर राजनीति की जरूरत पड़ी तो चूकेंगे नहीं: राय
विनोद राय ने बीसीसीआइ से संबंधित कई सवालों के जवाब दिए।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने नया संविधान जारी करके पहले चरण के सुधार कर लिए हैं और वह सुप्रीम कोर्ट से स्वीकृत लोढ़ा समिति की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करने के लिए तत्पर हैं। सीओए के मुखिया विनोद राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमें निर्देश दिए हैं। उनका एक फैसला है और हमारा काम है कि बीसीसीआइ व राज्य संघ उसे लागू करें। इसकी प्रक्रिया चालू है और ये होकर रहेगा। इसको लागू करने में आने वाली समस्याओं का हल है और सबकी परेशानियों का हल होगा। हमारी राजनीति में रुचि नहीं है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम चूकेंगे नहीं। इसके अलावा भी विनोद राय ने बीसीसीआइ से संबंधित कई सवालों के जवाब दिए। पेश हैं मुख्य अंश.
राज्य संघों पर लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करना कितना मुश्किल है?
विनोद रायः काफी मुश्किलों से स्थिति को आसान बना दिया गया है। उन्हें काफी समय दिया गया है। हम काम करेंगे। हमारा काम है कि क्रिकेट अपने तय कार्यक्रम के अनुसार चले। मुझे लगता है कि यह ठीक हो रहा है। राज्य संघों ने 30-40 वर्षो से अपने तरीके से काम किया है। आप अचानक उनसे बदलने की उम्मीद नहीं कर सके। अब तक उन्होंने सुधारों को स्वीकार नहीं किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे। उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को समझना चाहिए।
बदलाव करने के लिए राज्य संघ दो तिहाई सदस्यों का साथ नहीं मिलने का बहाना बना रहे हैं?
विनोद रायः हम राज्य संघों से बात कर रहे हैं और हम ऐसा जारी रखेंगे। हमारा तत्काल काम खेल को जारी रखना है। इसके लिए हमने तीन मोर्चे पर काम किया है। पहला, आइपीएल कराना, दूसरा आइपीएल की नीलामी, तीसरा आइपीएल की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से होने देना। हम यहां केवल पिछले 50 दिनों से हैं। सिर्फ तीन दिन पहले हमने बीसीसीआइ का मॉडल संविधान जारी कर दिया है। चीजों को जगह बनाने में समय लगेगा। हम परामर्श से चीजों को रास्ते में लाना चाहते हैं न कि टकराव से।
लेकिन इन बदलावों का लगातार विरोध हो रहा है?
विनोद रायः जब हमने पदभार ग्रहण किया तो हमें पता था कि कुछ लोग या समूह इस मामले में इतने उदार नहीं होंगे। हम उन्हें चीजों को स्वीकार करने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। अदालत इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पहले कई प्रयास हुए, लेकिन वे विफल रहे। अगर ऐसी बातें आगे भी होती हैं तो हम फिर उस पर प्रतिक्रिया देंगे, लेकिन हम क्या करेंगे उसके बारे में अभी नहीं बता सकते। इसके लिए पूरी कार्ययोजना है। हमें राजनीति में रुचि नहीं है, लेकिन अगर इसकी जरूरत पड़ी तो चूकेंगे नहीं। सीओए की आक्रामक होने की योजना नहीं है। हम कदम दर कदम चलेंगे।
अभी आप किस चरण पर हैं?
विनोद रायः अभी हम पहले चरण पर हैं। हमने बीसीसीआइ के संविधान का मॉडल जारी कर दिया है। आगे जहां पावर दिखानी होगी वहां दिखाई जाएगी।
अभी भी इस बात पर संशय है कि बीसीसीआइ और राज्य संघों के लिए अलग-अलग अधिकतम नौ-नौ साल का कार्यकाल होगा या कुल नौ साल का?
विनोद रायः सुप्रीम कोर्ट का फैसला साफ कहता है कि कुल नौ वर्ष ही मान्य होगा।
आइसीसी में भारत के हितों का क्या होगा?
विनोद रायः हम भारत के हितों को बलिदान नहीं होने देंगे। बीसीसीआइ चलाने के लिए हमारे पास अदालत का आदेश है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए होगा कि बीसीसीआइ को आर्थिक रूप से कोई नुकसान नहीं हो। इस मुद्दे पर, हम शशांक मनोहर से मिले। उन्होंने हमें अच्छा मार्गदर्शन दिया। हम छोटे राष्ट्रों को प्रोत्साहित करने के तरीके के प्रति भी सचेत हैं। हमें संतुलन रखना होगा और साथ ही क्रिकेट के सुधार के लिए योगदान करना होगा।
लेकिन आप लोगों को बीसीसीआइ-आइसीसी के बारे में इतनी जानकारी नहीं है?
विनोद रायः ठीक है, दो या तीन लोगों को ही हर चीज का ज्ञान नहीं होता। हमने बीसीसीआइ की पिछली विशेष आम सभा की रिकॉर्डिंग सुनी और हम जानते हैं कि वहां क्या चर्चा हुई थी। उस रिकॉर्डिग में शरद पवार सहित सभी सदस्य इस बात से सहमत नजर आते हैं कि भारत को अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए, लेकिन घृणास्पद भी नहीं होना चाहिए। जब हम मनोहर से मिले तो हमने दोनों पक्षों के राजस्व मॉडल को समझने की कोशिश की। उन्होंने हमें आइसीसी के वित्तीय मॉडल का पूरा विवरण दिया।
क्या इसीलिए मनोहर ने आइसीसी चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया?
विनोद रायः यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है।
विराट की शिकायत के बावजूद बीसीसीआइ ने स्मिथ के खिलाफ मामले को आगे क्यों नहीं बढ़ाया?
विनोद रायः जब कुछ गलत होता है तो उन चीजों को इंगित करना होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर बार उसे अंतरराष्ट्रीय अदालत में खींचा जाए। यह खेल की भावना में था कि हमने आरोपों को आगे नहीं बढ़ाया। हम अपने खिलाडि़यों को जानते हैं। हम नियमित रूप से उनके साथ बातचीत करते रहे हैं।