डीआरएस विवाद को सुलझाने में क्लार्क ने बीसीसीआइ और सीए की तारीफ की
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की मौजूदगी में माइकल क्लार्क की जिंदगी पर लिखी गई किताब 'माइ स्टोरी' का विमोचन किया गया।
कोलकाता। डीआरएस विवाद मामले को बीसीसीआइ और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जिस तरह से सुलझाया और मामले को समय रहते ठंडा किया, उसकी पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने जमकर तारीफ की है। हालांकि क्लार्क ने पुरानी यादों की भी चर्चा की और कहा कि 2007-08 'मंकीगेट' मामले को काफी लंबा खींच दिया गया था। आज पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की मौजूदगी में माइकल क्लार्क की जिंदगी पर लिखी गई किताब 'माइ स्टोरी' का विमोचन किया गया जिस दौरान पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने काफी बातें साझा कीं।
गौरतलब है कि बेंगलुरू टेस्ट के दौरान हुए स्मिथ डीआरएस विवाद के बाद बीसीसीआइ ने आइसीसी में स्मिथ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन बाद में दोनों देशों के बोर्ड ने आपस में ये मामला सुलझा लिया और भारतीय बोर्ड ने अपनी शिकायत भी वापस ले ली। क्लार्क ने इस मामले में दोनों क्रिकेट बोर्डों की भूमिका की तारीफ की लेकिन साथ ही 2007-08 में सायमंड्स और हरभजन सिंह (मंकीगेट) विवाद की भी याद दिला दी।
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क्लार्क के मुताबिक 2007-08 के मामले में भी दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड इसी तरह की भूमिका निभाते तो बेहतर होता। क्लार्क ने कहा, 'स्टीव स्मिथ वाले मामले को देखें, यही सही तरीका होता है। उन्होंने (क्रिकेट बोर्ड) इस मामले को अच्छे से संभाला। हम जानते हैं कि हम यहां बहुत बड़ी टेस्ट सीरीज के लिए हैं। हम अगले मैच पर ध्यान दे रहे हैं। बेशक आप मैदान पर एक दूसरे के खिलाफ खेलते हुए कितना भी आक्रामक हो जाएं लेकिन फिर भी एक दूसरे के लिए सम्मान बरकरार रहना चाहिए।' देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले बाकी के दो टेस्ट मैचों में दोनों देशों के खिलाड़ी कितना संयम अपनाते हैं।