केंद्रीय सूचना आयोग ने BCCI प्रशासकों से पूछा, गुहा के सवालों का क्या हुआ?
सीओए को भी अपने कार्यो में पारदर्शिता लाने का निर्देश दिया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए बीसीसीआइ का काम देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) से इतिहासकार रामचंद्र गुहा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने को कहा है।
सीआइसी ने नौ जून को स्पष्ट किया था कि बीसीसीआइ एक राष्ट्रीय खेल संघ (एनएसएफ) है, लेकिन इसे आरटीआइ अधिनियम के तहत लोक प्राधिकरण घोषित नहीं किया गया था। सीआइसी ने यह टिप्पणी आरटीआइ आवेदनकर्ता की सुनवाई के दौरान की, जिसने खेल मंत्रलय से जानकारी मांगी थी कि तमिलनाडु सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत बीसीसीआइ किस प्रावधान के तहत अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए भारतीय टीम का चयन करता है।
आवेदक ओमप्रकाश काशीराम को मंत्रलय से संतोषजनक जवाब नहीं मिला था, उन्होंने आयोग से अपील की थी। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा, 'सीओए ने तुरंत प्रभाव से भार संभाला और बीसीसीआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) राहुल जौहरी के साथ संपर्क शुरू किया जो बोर्ड के दैनिक प्रशासन के प्रभारी हैं। इसका मतलब है कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के जरिए बीसीसीआइ का प्रशासन संभाला, इसलिए बीसीसीआइ और इसका सीओए लोक प्राधिकरण और जवाबदेह बन गया।'
आयोग ने मद्रास हाई कोर्ट में लंबित मामले की वजह से इसे आरटीआइ अधिनियम के तहत नहीं रखा। उसने खेल मंत्रलय को निर्देश दिया कि वह आवेदक को बीसीसीआइ को आरटीआइ अधिनियम के तहत लोक प्राधिकरण घोषित करने के लिए बिल लाने की प्रक्रिया में तेजी और उचित कानूनी कदम अपनाने के प्रयास की जानकारी दे। उसने सीओए को भी अपने कार्यो में पारदर्शिता लाने का निर्देश दिया।