टीम इंडिया की कोचिंग को लेकर चैपल ने तोड़ी अपनी चुप्पी
टीम इंडिया के सबसे विवादित कोच रहे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्रेग चैपल ने कहा कि टीम इंडिया को कोचिंग देना उनके अनुमान से ज्यादा मुश्किल अनुभव रहा था।
नई दिल्ली। टीम इंडिया के सबसे विवादित कोच रहे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्रेग चैपल ने कहा कि टीम इंडिया को कोचिंग देना उनके अनुमान से ज्यादा मुश्किल अनुभव रहा था। चैपल 2005 से 2007 तक टीम इंडिया के कोच रहे थे।
इस दौरान भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के साथ उनके मतभेद काफी चर्चा में रहे थे। गांगुली को इसी मतभेद के चलते कप्तानी भी गंवानी पड़ी थी। चैपल ने कहा कि यह शायद किसी के लिए भी उसकी सोच से ज्यादा पेचीदा था। बतौर टीम इंडिया के कोच के दौरान बहुत से अच्छे बुरे अनुभव रहे। किसी के लिए भी बाहर से देखते हुए इसकी जटिलता का अनुमान करना बेहद कठिन था।
भारतीय क्रिकेटर बनना वाकई मुश्किल :
चैपल ने कहा- 'टीम इंडिया के साथ रहना उसी तरह था जैसा कि आप बीटल के झुंड के बीच रह रहे हों। लोगों के बीच क्रिकेट जुनूनी स्तर पर है जो आप से बहुत-सी उम्मीदें लगाए रहते हैं। बाहर से देखने में पता नहीं चलता लेकिन जब आप टीम को अंदर से देखते हैं तो आपको पता चलता है कि खिलाड़ी कितने दवाब में रहते हैं। एक भारतीय क्रिकेटर बनना वाकई आसान नहीं है, खासकर एक प्रसिद्घ क्रिकेटर के लिए तो बिल्कुल नहीं। उसे बहुत से दबाव का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा-'मैंने जिस टीम को कोचिंग दी थी उसमें 1970 और 1980 के दशक की तुलना में अधिक गहराई थी। जिन टीमों के खिलाफ हम खेलें उनमें टॉप छह में अच्छी प्रतिभा थी लेकिन इसके बाद प्रदर्शन गिरता था। यह प्रतिभा से अधिक आत्मविश्वास से जुड़ा था।
टेस्ट में बेस्ट में से एक था टीम इंडिया का बैटिंग ऑर्डर :
चैपल ने कहा- 'जिन भारतीय टीमों को मैंने कोचिंग दी उनका बल्लेबाजी क्रम शायद टेस्ट के लिए बेस्ट में से एक था। प्रतिभा के मामले में काफी टीमें उसे नहीं पछाड़ सकती थी। उस ग्रुप की गहराई असाधारण थी। चैपल ने हालांकि कहा कि उन्हें नहीं पता कि सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी वाली टीम ने पर्याप्त उपलब्धि हासिल की या नहीं।