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धूल उड़ती पिच पर टिक नहीं पाए बल्लेबाज, कप्तान विराट कोहली ने ऐसे किया बचाव

Ind vs Eng तीसरे टेस्ट मैच में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मुकाबला सिर्फ दो ही दिन में खत्म हो गया। ऐसे में पिच पर सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन कप्तान विराट कोहली ने बचाव करते हुए कहा है कि पहले दिन पिच बल्लेबाजी के अनुकूल थी।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 09:38 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 09:38 AM (IST)
धूल उड़ती पिच पर टिक नहीं पाए बल्लेबाज, कप्तान विराट कोहली ने ऐसे किया बचाव
मोटेरा में ऐसे धूल उड़ रही थी (फोटो बीसीसीआइ)

अहमदाबाद, जेएनएन। Ind vs Eng: इंग्लैंड की टीम और पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर यहां के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच को किसी भी कीमत पर अच्छी पिच नहीं बताएंगे, क्योंकि मुकाबला सिर्फ दो दिन में समाप्त हो गया। वहीं, मैच के बाद विराट कोहली ने पिच का बचाव करते हुए कहा कि यह पिच बल्लेबाजी के लिए बहुत अच्छी थी, खासतौर पर पहले दिन। कप्तान कोहली ने कहा है कि दोनों ही टीमों के बल्लेबाजों ने यहां अच्छी बल्लेबाजी नहीं की।

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उन्होंने पिच का बचाव करते हुए कहा कि कुल 30 में से 21 विकेट सीधी गेंद पर गिरे। विराट भले ही कुछ कहें, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम की पिच के दोनों छोर पर ऐसी धूल उड़ रही थी जैसे मैच किसी स्टेडियम की जगह समुद्र तट के किनारे हो रहा है। यहां बल्लेबाज शॉट मारने के लिए पैर हिलाता या बल्ला चलाता तो धूल उड़ने लगती। ऐसा एक या दो गेंदों के दौरान नहीं हुआ, बल्कि लगभग हर गेंद के बाद देखने को मिला।

दूसरे दिन का खेल शुरू ही हुआ था, भारत की पहली पारी का 39वां ओवर चल रहा था और अंपायरों को पिच से उखड़ रही मिट्टी हटाने के लिए मैदानकर्मी बुलाने पड़े। जब इंग्लैंड की दूसरी पारी खत्म हुई और मैदानकर्मी पिच को ठीक करने आए तो दोनों कॉर्नर पर सिर्फ धूल ही धूल उड़ रही थी। बल्लेबाजों के मन में पिच का खौफ इतना था कि देश में हुए दूसरे डे-नाइट टेस्ट के दूसरे दिन लाइट जलने से पहले ही 12 विकेट गिर गए।

कोहली ने मैच के बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी में कहा, "ईमानदारी से कहूं, तो मुझे नहीं लगता कि दोनों टीमों की बल्लेबाजी की गुणवत्ता अच्छी थी। उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया टीमों के बल्लेबाजों के पास स्किल्स का अभाव था। गेंद कल(पहले दिन) अच्छी तरह से आ रही थी और गेंद मुड़ रही थी और पहली पारी में बल्लेबाजी के लिए यह एक अच्छी विकेट थी। दोनों टीमों की बल्लेबाजी यहां खराब थी।"

मैच के दूसरे दिन कुल 17 विकेट गिरे जो सभी स्पिनरों ने लिए। इस मैच में कुल 30 विकेट गिरे, जिसमें से 28 विकेट स्पिनरों ने लिए। पूरे मैच में सिर्फ 35 ओवर तेज गेंदबाजों ने फेंके। आखिरी दोनों पारियों में कप्तानों ने दोनों छोर से स्पिनरों से शुरुआत कराई। इतना ही नहीं, आखिरी दोनों पारियों में तेज गेंदबाजों ने एक भी गेंद नहीं फेंकी। हालांकि, इस पिच पर दोनों टीमों के बल्लेबाज खासकर इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने काफी नर्वस होकर बल्लेबाजी की। वे स्पिन के लिए खेल रहे थे, लेकिन सीधी गेंद पर आउट हो रहे थे।


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