फिर से फिक्सिंग में फंसते नजर आ रहे हैं पाकिस्तानी बल्लेबाज सलमान बट्ट !
एक प्राइवेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं सलमान बट्ट।
कराची, पीटीआइ। मैच फिक्सिंग के आरोप में पांच वर्ष का बैन झेल चुके पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज सलमान बट्ट एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। अजमान अली स्टार्स टी20 लीग के दौरान कुछ संदिग्ध हरकत करने का उन पर आइसीसी ने आरोप लगाया है।
सलमान बट्ट और मो. आसिफ पर स्पॉट फिक्सिंग के लिए वर्ष 2010 से 2016 तक पांच-पांच साल का बैन लगाया गया था। आइसीसी ने वीडियो फुटेज के आधार पर इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा कुछ और पाकिस्तानी खिलाड़ी को कुछ संदिग्ध हरकत करते हुए पाया है। आइसीसी ने आउट होने के तरीके साथ ही खिलाड़ियों के बर्ताव पर भी शक जाहिर किया है। पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी हसन रजा, मो. खलील और कुछ दूसरे खिलाड़ियों ने इस प्राइवेट लीग में हिस्सा लेने को कहा गया था जिसे अमिरात क्रिकेट बोर्ड और अजमान क्रिकेट काउंसिल ने अवैध करार दिया था। हालांकि इस मैच का जो फुटेज मिला था उसमें कोई पाकिस्तान खिलाड़ी नहीं दिख रहा था।
वर्ष 2010 में जब इंग्लैंड में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था उस वक्त पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान सलमान बट्ट थे। उन्होंने कहा कि वो लीग में दो मैच खेले हैं। बट्ट ने कहा कि मैं वहां खेलने इसलिए गया कि मुझे वनडे कप के लिए टीम में नहीं चुना गया था। वहां पर मैनें कुछ नहीं किया। जब मैं वहां खेलने पहुंचा तो मुझे महसूस हआ कि ये शौकीया टूर्नामेंट है। इसमें ना तो मैच रेफरी, ना ही आइसीसी भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि और ना ही स्कोरर है।
सलमान बट्ट ने कहा कि स्पॉट फिक्सिंग मसले के बाद मैं किसी भी तरह के कंट्रेवर्सी से दूर ही रहना चाहता हूं। मुझे खुशी है कि आइसीसी इस मामले की जांच कर रही है क्योंकि इसमें काफी खामियां थीं। हालांकि मैंने यहां पर सिर्फ दो मैच खेले और फिर मैं दुबई से वापस लौट आया। पहले मैच में मैं पहली ही गेंद पर आउट हो गया क्योंकि दुबई आने के तीन घंटे के बाद ही मुझे मैच खेलने के लिए कहा गया। इसके बाद दूसरे मैच में मैंने लगभग 70 रन बनाए। मुझे पता नहीं है कि मैंने कितने रन बनाए क्योंकि वहां पर कोई स्कोरर नहीं था। बट्ट ने कहा कि जो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और जिसे जांच के लिए भेजा गया है उसमें मैं नहीं था।
बट्ट ने बताया कि अजमान ऑल स्टार्ट लीग में जब उन्हें खेलने का ऑफर मिला तब उन्होंने प्रायोजकों से कहा था कि उन्हें पीसीबी और उनके डिपार्टमेंट वापडा से इसके लिए एनओसी लेना होगा। इसके बाद मुझे कहा गया कि ये एक प्राइवेट टूर्नामेंट है और इसके लिए एनओसी की जरूरत नहीं है। जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे अहसास हुआ कि ये स्ट्रीट लेवल का टूर्नामेंट है साथ ही इसे ठीक तरीके से मैनेज नहीं किया गया है और इसमें खेलने का कोई मतलब नहीं बनता।