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इंग्लैंड में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को मिली सामान जब्त करने की धमकी, PCB ने दी ये दलील

पाकिस्तान की टीम इस समय इंग्लैंड में है और खिलाड़ियों को एक निजी कंपनी से सामान जब्त करने की धमकी मिली है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 02:22 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 02:22 PM (IST)
इंग्लैंड में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को मिली सामान जब्त करने की धमकी, PCB ने दी ये दलील
इंग्लैंड में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को मिली सामान जब्त करने की धमकी, PCB ने दी ये दलील

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस महामारी के बीच पाकिस्तान की टीम 3-3 मैचों की टेस्ट और T20 सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड दौरे पर गई है। दोनों देशों के बीच 5 अगस्त से टेस्ट सीरीज की शुरुआत होनी है, लेकिन इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट टीम को एक बड़ी धमकी मिली है, जो कि काफी चौंकाने वाली है। पाकिस्तान की क्रिकेट टीम अपने आप को एक अजीब स्थिति में पा सकती है, क्योंकि इंग्लैंड दौरे पर टीम के खिलाड़ियों के उपकरण और अन्य संपत्ति को जब्त किया जा सकता है।

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दरअसल, ब्रॉडशीट एलएलसी कंपनी ने पाकिस्तानी सरकार और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के खिलाफ मध्यस्थता का मुकदमा जीता है। यही कारण है कि इस कंपनी ने पहले ही पेशेवर जमानतदारों को 'पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की संपत्ति जब्त करने' का निर्देश देते हुए अदालत के आदेशों की मांग की है और उनकी कार्रवाई दो दिनों में शुरू होगी। इस्लामाबाद के काउंसेल एलन और ओवरी को भेजे गए एक पत्र में कंपनी ने तर्क दिया है कि पाकिस्तान और एनएबी 33 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि का भुगतान करने में विफल रहे हैं।

पाकिस्तानी मीडिया द न्यूज के मुताबिक, ब्रॉडशीट एलएलसी द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, "पाकिस्तान क्रिकेट टीम इस समय इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की तैयारी में है। हम मानते हैं कि टीम प्रतिवादी की एक संपत्ति है और टीम की संपत्ति मुकदमेबाजी के लिए प्रतिवादी की संपत्ति है।" इसमें आगे पाकिस्तान के वकील से ये भी पूछा है कि यदि वे स्थिति से असहमत हैं तो उन्हें जल्द जवाब देना चाहिए, अन्यथा कंपनी चेतावनी को लागू करेगी।

पीसीबी यूके में पाकिस्तान दूतावास के संपर्क में हैं और माना जा रहा है कि वास्तव में ऐसा होने की बहुत कम संभावना है। यह विश्वास कानूनी राय में निहित है कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम पाकिस्तान सरकार का नहीं, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए इस मामले में पीसीबी क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए कहा, "पीसीबी के पास ब्रॉडशीट एलएलसी और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान और नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ऑफ पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता या फिर वसूली की कार्यवाही से कोई संबंध नहीं है।"

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ये भी तर्क दिया है कि बोर्ड पाकिस्तान सरकार के अधीन नहीं है। पीसीबी ने अपने बयान में कहा है, "पीसीबी को बॉडी कॉरपोरेट के रूप में स्पोर्ट्स (डेवलपमेंट एंड कंट्रोल) अध्यादेश 1962 के तहत स्थापित किया गया है, जो पाकिस्तान में क्रिकेट के खेल के नियमन, प्रशासन, प्रबंधन और संवर्धन के लिए विशेष अधिकार रखता है। पीसीबी एक स्वायत्त इकाई के रूप में अपने संविधान के माध्यम से काम करता है। पीसीबी सरकार से स्वतंत्र रूप से संचालित और कार्य करती है, अपना स्वयं का राजस्व उत्पन्न करती है और संघीय या प्रांतीय सरकारों या सार्वजनिक खजाने से कोई अनुदान या धन प्राप्त नहीं करती है।"

क्या है ये पूरा मामला

कानूनी विवाद 2000 के दशक की शुरुआत में हुआ था, जब ब्रॉडशीट को जनरल परवेज मुशर्रफ ने विदेशों में पाकिस्तान के नागरिकों की छिपी हुई संपत्ति का पता लगाने के लिए हायर किया था, जो उस समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे। पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने ब्रॉडशीट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे 2003 में समाप्त कर दिया गया। समाप्ति के कारण कानूनी विवाद पैदा हो गया और 2018 में ये हल हुआ, जब लंदन में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने ब्रॉडशीट के पक्ष में फैसला सुनाया। इस दौरान कोर्ट ने पाया कि NAB को कंपनी की क्षतिपूर्ति के लिए भुगतान करना है, जो कि आज तक बकाया है।


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