इस कराटे 'ब्लैक बेल्ट' ने उड़ा दिए 'ब्लैक कैप्स' के होश
'ब्लैक कैप्स' के नाम से मशहूर न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम जब दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम को गेंदबाजी करने उतरी तब उनको अंदाजा भी नहीं होगा कि एक कराटे का ब्लैक बेल्ट धुरंधर उनकी क्लास लगाने की तैयारी में था। इस ब्लैक बेल्ट फाइटर ने वेलिंग्टन की पिच पर न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई और उन्हे
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। 'ब्लैक कैप्स' के नाम से मशहूर न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम जब दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम को गेंदबाजी करने उतरी तब उनको अंदाजा भी नहीं होगा कि एक कराटे का ब्लैक बेल्ट धुरंधर उनकी क्लास लगाने की तैयारी में था। इस ब्लैक बेल्ट फाइटर ने वेलिंग्टन की पिच पर न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई और उन्हें बेबस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
जी हां, हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के शानदार बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की। यह रहाणे के जीवन का एक रोचक पहलु है कि कभी उन्हें कराटे और मार्शल आर्ट्स में भी महारथ हासिल थी। उनका पहला प्यार कराटे ही था, जहां उन्होंने ब्लैक बेल्ट भी हासिल की...लेकिन शायद किस्मत इस हुनर को कहीं और ही ले जाना चाहती थी। रहाणे देखते-देखते एक क्रिकेटर बने और आज वेलिंग्टन की पिच पर जो कुछ उन्होंने किया वो इस बात का सबूत था कि उनमें हुनर कूट-कूट कर भरा है। रहाणे ने दूसरे टेस्ट में अपने करियर का पहला टेस्ट शतक पूरा करते हुए टीम इंडिया को मिडिल ऑर्डर में एक नई उम्मीद दे दी है। इस खिलाड़ी ने वेलिंग्टन टेस्ट के दूसरे दिन उस स्थिति में पिच पर कदम रखा जब भारतीय पारी की हालत कुछ खास ठीक नहीं थी। उन्होंने अपने शतक के दौरान कीवी टीम के सबसे घातक गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के खिलाफ सबसे ज्यादा 34 रन बनाए जो उनकी शानदार बल्लेबाजी का एक बड़ा प्रमाण भी साबित हुआ।
इस खिलाड़ी ने 158 गेंदों में खेली गई 118 रनों की अपनी नायाब पारी के दौरान 17 चौके और एक छक्का जड़ा। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 74.68 का रहा। वो आक्रामक भी दिखाई दिए और जरूरी मौकों पर संयमित भी। जब टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर ढेर हो चुका था तब उन्होंने कप्तान धौनी के साथ सातवें विकेट के लिए 120 रनों की साझेदारी को अंजाम दिया, जबकि उससे पहले वो विराट कोहली के साथ छठे विकेट के लिए भी 63 रनों की साझेदारी कर चुके थे।
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स्वभाव से बेहद शर्मीले माने जाने वाले अजिंक्य ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 6 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं जिसमें 20 शतक और 26 अर्धशतक शामिल रहे। उनको अपने हुनर का प्रमाण सालों तक देना पड़ा ताकि वो भारत के लिए खेल सकें और उसके बाद भी 2011 में शानदार वनडे डेब्यू के बाद जब उन्हें टेस्ट टीम में शामिल किया गया तो टीम के साथ होने के बावजूद 16 महीने तक वो बस बेंच पर ही बैठे रहे। अंत में किसी तरह 2013 में उन्हें तब टेस्ट में आगाज करने का मौका मिला जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में शिखर धवन चोटिल हो गए। रहाणे ने इससे पहले 2013 के अंत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नाबाद 51 व 96 रनों की शानदार पारियां खेली थीं। उस बार तो वो 4 रनों से चूक गए थे लेकिन वेलिंग्टन में उन्होंने अपना पहला शतक पूरा कर ही लिया। अब तक 5 मैचों की 9 पारियों में वो 47.37 की औसत से 1 शतक और 2 अर्धशतक के दम पर 379 रन बना चुके हैं।