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बंगाल अंडर 23 क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को नए कोच का फरमान, लंबे बाल न रखें, सोशल मीडिया से दूर रहें

बंगाल क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने सोमवार को एक फिटनेस शिविर के साथ अंडर -23 कोच के तौर में एक नई पारी शुरू की। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 06:00 PM (IST)
बंगाल अंडर 23 क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को नए कोच का फरमान, लंबे बाल न रखें, सोशल मीडिया से दूर रहें
लक्ष्मी रतन शुक्ला। ( फाइल फोटो )

 कोलकाता, पीटीआइ। बंगाल क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने सोमवार को एक फिटनेस शिविर के साथ अंडर -23 कोच के तौर में एक नई पारी शुरू की। उन्होंने अपने खिलाड़ियों के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं। इसमें 'सोशल मीडिया से दूर रहना और लंबे बाल नहीं रखना' शामिल है। बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट के दिग्गज, शुक्ला 2016 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हुए थे और इस साल जनवरी तक राज्य, युवा मामलों और खेल मंत्री थे।

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शुक्ला को बाद में टीएमसी का हावड़ा जिला अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया और क्रिकेट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए राजनीति छोड़ दी। अब वे बंगाल अंडर -23 कोच बनाए गए हैं। कोच की जिम्मेदारी संभालने के बाद 40 वर्षीय शुक्ला ने कहा, ' मैंने लड़कों से कहा है कि सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट न करें। उन्हें शिष्टता और अनुशासन बनाए रखना होगा। लंबे बालों वाले लोगों को तुरंत सैलून जाना होगा। इसके अलावा उन्हें टीम बॉन्डिंग के लिए बांग्ला सीखनी होगी।'

शुक्ला ने आगे कहा, 'जूनियर से सीनियर टीम तक पहुंचना बहुत महत्वपूर्ण है और इसलिए मैंने जूनियर क्रिकेटरों के साथ काम करने का फैसला किया है। कैब जिला स्तर पर मैच के साथ-साथ क्लब मैचों को लेकर बहुत गंभीर है और एसोसिएशन प्रगति के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। भारत के लिए तीन वनडे खेलने वाले शुक्ला ने कहा कि उनका काम यह सुनिश्चित करना है कि बंगाल के अधिक खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में जगह बनाएं। उन्होंने कहा कि अब हमें जिलों की प्रतिभाओं को पहचानना होगा, राज्य के कोने-कोने से युवा प्रतिभाओं के लिए अपनी आंखें खुली रखनी होंगी।

शुक्ला ने कहा, 'मैं सत्र के दौरान सुनिश्चित करूंगा कि खिलाड़ी जो प्रयास कर रहे हैं, उसका परिणाम सामने आए। मैं एक कोच नहीं हूं गाइड हूं, जो यहां खिलाड़ियों की मदद करने के लिए है। एक क्रिकेटर के तौर पर मेरी इच्छा राष्ट्रीय टीम में बंगाल के अधिक खिलाड़ियों को देखना  है।'  फिटनेस शिविर चार घंटे से अधिक समय चला, जिसमें 60 क्रिकेटरों ने हिस्सा लिया। इन क्रिकेटरों को समूहों में बांटा गया था और सभी समूहों में ट्रेनिंग करने आए।


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