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दो वर्ष में बेन स्टोक्स जैसे ऑलराउंडर बन जाएंगे हार्दिक पांड्या: लांस क्लूजनर

लांस क्लूजनर ने कहा कि अगले दो वर्ष में पांड्या भारत के बेहतरीन ऑलराउंडर बनेंगे।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 07:16 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 07:21 PM (IST)
दो वर्ष में बेन स्टोक्स जैसे ऑलराउंडर बन जाएंगे हार्दिक पांड्या: लांस क्लूजनर
दो वर्ष में बेन स्टोक्स जैसे ऑलराउंडर बन जाएंगे हार्दिक पांड्या: लांस क्लूजनर

 नई दिल्ली, प्रेट्र। दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के ऑल राउंडर लांस क्लूजनर ने कहा कि भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी बन सकते हैं लेकिन उसके लिए टीम मैनेजमेंट को अगले दो वर्ष तक उन्हें मौका देते हुए धैर्य रखना होगा। लांस ने कहा कि अगर पांड्या को एक या दो वर्ष तक लगातार इस लेवल पर मौका दिया जाता रहे तो कोई ऐसा कारण नहीं नजर आता कि वो दुनिया के बेस्ट ऑलराउंडर्स में से एक बनें। 

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क्लूजनर को दिल्ली रणजी टीम का सलाहकार कोच नियुक्त किया गया है और वो विजय हजारे ट्रॉफी के लिए इन दिनों दिल्ली में ही हैं। क्लूजनर ने पांड्या के बारे में ये बात तब कही है जब इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट सीरीज के दौरान उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। उन्होंने कहा कि हमें किसी की तुलना किसी खिलाड़ी से करने से पहले काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। सभी कपिल देव और हार्दिक की तुलना करना चाहते हैं। हार्दिक अलग तरह के क्रिकेटर हैं और अभी उन्हें काफी कुछ सीखने की जरूरत है। मुझे लगता है कि हार्दिक की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वो कितना कुछ सीख पाते हैं। 

1999 विश्व कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे क्लूजनर ने कहा कि मुझे लगता है कि लोगों को थोड़ा धैर्य दिखाने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि उन्हें पूरी तरह से निखरने के लिए मौका मिलेगा। पांड्या सीम गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं और उनकी यही बात अंतर पैदा करती है। टीम में इस तरह का ऑलराउंडर होने से आपके पास काफी विकल्प होते हैं। मुझे लगता है कि भारत के पास एक सही ऑलराउंडर है। अब सबसे बड़ी बात ये है कि वो किस तरह से खुद को और ज्यादा निखार पाते हैं। किसी की आलोचना करना आसान है लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को साबित करना मुश्किल होता है। मुझे लगता है कि उन्हें थोड़ी जगह देनी चाहिए साथ ही खिलाड़ी के तौर पर निखरने का मौका मिलना चाहिए। 

पांड्या के बारे में क्लूजनर ने कहा कि अगर उन्होंने अपनी कमजोरियों पर काबू पा लिया तो वो अगले दो वर्ष में पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे। पांड्या ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान आठ पारियों में 164 रन बनाए थे और उनके आलोचकों ने कहा था कि उन्होंने अपनी डिफेंसिव तकनीक पर ज्यादा विश्वास जताते हुए बल्लेबाजी की। इस पर क्लूजनर ने अपनी राय देते हुए कहा कि उन्हें अपनी डिफेंसिव तकनीक पर काम करने की जरूरत है लेकिन उनका नैचुरल खेल आक्रामक बल्लेबाजी ही है। मुझे लगता है कि हार्दिक को उस वक्त डिफेंसिव ही होना चाहिए जब दूसरे छोर पर विराट जैसे खिलाड़ी बल्लेबाजी कर रहे हों। मुझे पूरा यकीन है कि भारतीय क्रिकेट टीम के सपोर्ट स्टाफ उनकी कमजोरी को पहचान कर उस पर काम करेंगे। वो जितना ज्यादा खेलेंगे उतना ही सेट होंगे और आपको पता चलेगा कि वो कितने टैलेंटेड हैं। 

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