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घरेलू टी-20 लीग की रूपरेखा तय करेगा बीसीसीआइ

रविवार को कोलकाता में होने वाली बैठक में इसकी रूपरेखा पर विचार होगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 08:53 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 08:53 PM (IST)
घरेलू टी-20 लीग की रूपरेखा तय करेगा बीसीसीआइ
घरेलू टी-20 लीग की रूपरेखा तय करेगा बीसीसीआइ

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। तमिलनाडु क्रिकेट संघ की तमिलनाड़ क्रिकेट लीग (टीएनपीएल) और कर्नाटक क्रिकेट संघ की कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) की तर्ज पर अन्य राज्य संघों ने घरेलू टी-20 क्रिकेट लीग कराए जाने की मांग की थी जिस पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने सकारात्मक रुख दिखाया है। रविवार को कोलकाता में होने वाली बैठक में इसकी रूपरेखा पर विचार होगा। इस बैठक में बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी के अलावा बीसीसीआइ की तकनीकि समिति के मुखिया व पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली शामिल होंगे।

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बीसीसीआइ के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने राज्य संघों को ईमेल लिखकर भरोसा दिलाया है कि इसको लेकर चर्चा की जाएगी। चौधरी ने ईमेल में लिखा है कि ड्राफ्ट नियमों से संबंधित राज्य स्तर पर घरेलू टी-20 टूर्नामेंट कराने के सुझावों को कुछ बदलावों के साथ स्वीकार कर लिया गया है। इसके लिए पदाधिकारियों और तकनीकी समिति के अध्यक्ष की मौजूदगी वाली एक समिति का गठन किया जाएगा जो कि इस मसले पर चर्चा करेगी, रिपोर्ट तैयार करेगी और फिर बीसीसीआइ की आम सभा को सुझाव देगी।

ये सुझाव इस बात पर होंगे कि जो खिलाड़ी आइपीएल में खेलते आए हैं उन्हें ऐसे टूर्नामेंटों में किन नियमों और शर्तो के साथ खेलने की इजाजत दी जाए। चौधरी ने राज्य संघों को आश्वस्त किया है कि उन्होंने इस मसले पर पूर्व भारतीय कप्तान और तकनीकी समिति के अध्यक्ष सौरव गांगुली को बातचीत करने के लिए राजी कर लिया है। वह इस पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं।

प्राइवेट लीग पर बीसीसीआइ की नजरें टेढ़ी
बीसीसीआइ की नजरें प्राइवेट क्रिकेट लीग पर टेढ़ी हो गई हैं। उसने पहले ही कई क्रिकेट लीग पर प्रतिबंध लगाया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि हाल ही में कई प्राइवेट क्रिकेट लीग में फिक्सिंग की शिकायत आई हैं और इससे क्रिकेट का नाम खराब होता है। हम ऐसी लीग की लिस्ट बना रहे हैं और जल्द ही अपने राज्य संघों को सूचित करेंगे कि इन लीगों में अपने खिलाड़ी, अंपायर और अन्य अधिकारियों को जाने से रोकें। इन लीग में फिक्सिंग रोकने के लिए कोई जरूरी कदम नहीं उठाए जाते हैं। यही नहीं कई कंपनियों ने तो इसे कमाई का जरिया बना रखा है। जल्द ही बीसीसीआइ के अन्य अधिकारियों से बात करके इस पर उचित फैसला लिया जाएगा। हमें इसको लेकर कई शिकायतें आई हैं।

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