पीसीबी की मुआवजे की मांग ठुकराई बीसीसीआइ ने
बीसीसीआइ ने कहा कि वह एमओयू का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है।
कराची, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की दोनों के बीच हुए करार (एमओयू) का पालन नहीं करने के लिए मुआवजा देने की मांग नामंजूर कर दी और कहा कि वह इसका पालन करने के लिए बाध्य नहीं है।
पीसीबी के चेयरमैन शहरयार खान ने मंगलवार को पुष्टि की कि उन्हें पिछले महीने बीसीसीआइ को भेजे गए नोटिस का जवाब मिल गया है। इस नोटिस में पीसीबी ने एमओयू के अनुसार पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलने के लिए 64 लाख डॉलर (लगभग 41 करोड़, 38 लाख रुपये) के मुआवजे की मांग की थी। शहरयार ने कहा, 'हमें बीसीसीआइ से जवाब मिला है और उन्होंने कुछ मसलों को उठाया है। इनमें यह भी है कि वह एमओयू को दोनों बोर्ड के बीच कानूनी समझौता नहीं मानते जिसका पालन करना अनिवार्य हो। दूसरा, उन्होंने कहा है कि भारत-पाक सीरीज के लिए सरकार से अनुमति लेना जरूरी है और उनकी सरकार उन्हें अनुमति नहीं दे रही है इसलिए वे हमारे साथ नहीं खेल सकते।'
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उन्होंने कहा कि बीसीसीआइ ने पाकिस्तान में सुरक्षा की समस्या को भी उठाया है जिसके कारण वह यहां का दौरा नहीं कर सकते। पीसीबी प्रमुख ने कहा कि एमओयू वैधानिक अनुबंध है जिस पर 2014 में हस्ताक्षर किए गए थे, क्योंकि तब भारत बिग थ्री प्रशासन और वित्तीय मॉडल प्रणाली के लिए उसका समर्थन चाह रहा था। उन्होंने कहा, 'एमओयू पर हस्ताक्षर की जानकारी आइसीसी को भी थी। हम फिर से उन्हें पत्र भेजेंगे और अगर मुआवजे की हमारी मांग या सीरीज खेलने को लेकर उनका जवाब सकारात्मक नहीं रहा तो हमने आइसीसी विवाद समाधान समिति के समक्ष अपना मामला रखने के लिए तैयारी कर ली है।' शहरयार ने कहा, 'मैं साफ करना चाहता हूं कि पीसीबी का मामला मजबूत है और हम आखिर तक हार नहीं मानेंगे, क्योंकि न्याय की मांग करना हमारा अधिकार है।'