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बीसीसीआइ की बैठक में लिए जा सकते हैं ये बड़े फैसले

9 नवंबर को होने वाली बीसीसीआइ का वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इन फैसलों में बोर्ड द्वारा एक लोकपाल या नैतिक अधिकारी भी चुना जा सकता है। वहीं, चयन समिति जो भी टीम चुनती है उसका अंतिम निर्णय बीसीसीआइ अध्यक्ष के हाथों में

By ShivamEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2015 03:29 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2015 10:43 PM (IST)
बीसीसीआइ की बैठक में लिए जा सकते हैं ये बड़े फैसले

मुंबई। 9 नवंबर को होने वाली बीसीसीआइ का वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इन फैसलों में बोर्ड द्वारा एक लोकपाल या नैतिक अधिकारी भी चुना जा सकता है। वहीं, चयन समिति जो भी टीम चुनती है उसका अंतिम निर्णय बीसीसीआइ अध्यक्ष के हाथों में होता है, अब इस नियम में भी बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है।

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नैतिक अधिकारी या लोकपाल की नियुक्ति एजीएम में बीसीसीआइ के 'मेमोरेंडम ऑफ रूल्स एंड रेगुलेशन' में प्रस्तावित बड़े बदलाव में से एक है। प्रस्तावित नियम के अनुसार बीसीसीआइ की आम सभा 'प्रशासक द्वारा हितों के टकराव और अनुशासन या गलत आचरण या बोर्ड के नियम और शर्तो के उल्लंघन से निपटने के लिए' लोकपाल की नियुक्ति करेगी।

बीसीसीआइ के नियमों में अब एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अब तक राष्ट्रीय चयन समिति जो भी टीम चुनती थी वो उसमें अंतिम फैसला बीसीसीआइ अध्यक्ष का होता था। इसी वजह से 2012 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में खराब प्रदर्शन के बाद जब क्रिस श्रीकांत की अगुआइ वाली चयन समिति ने धौनी से वनडे टीम की कप्तानी छीन ली थी तब उस समय के बीसीसीआइ अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन ने हस्तक्षेप करके इस फैसले को पलट दिया था। मौजूद नियम के अनुसार, 'चयन समिति द्वारा चुनी गई टीम के संयोजन को अध्यक्ष से स्वीकृति मिलनी चाहिए।' नियम में प्रस्तावित बदलाव के अनुसार, 'अध्यक्ष को अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर समय-समय पर राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा चुनी गई टीम के संयोजन को स्वीकृति देनी चाहिए।' नियमों में एक यह बदलाव भी प्रस्तावित है कि एजीएम सहित बैठक के अध्यक्ष के पास मौजूदा नियमों की तरह मत नहीं होगा। उसके पास सिर्फ निर्णायक वोट होगा जिसका इस्तेमाल सिर्फ जरूरत पड़ने पर किया जाएगा।

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बदलाव के लिए एक अन्य प्रस्ताव यह है कि आइपीएल संचालन परिषद की नियुक्ति आम सभा द्वारा की जानी चाहिए और इसका कार्यकाल अगली एजीएम तक होना चाहिए। आइपीएल के सभी फैसले बहुमत से लिए जाने चाहिए और मत बराबर होने पर अध्यक्ष अपना निर्णायक वोट दे सकता है। इसके अलावा संचालन परिषद को आइपीएल के लिए अलग बैंक खाता खोलना चाहिए जिससे बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष चलाएं।

इसके अलावा बोर्ड में उपाध्यक्ष पद पर काबिज रहने के लिए भी नियम में बदलाव किया जाएगा। मौजूदा नियम ये है कि किसी अन्य जोन से उपाध्यक्ष चुने जाने के लिए अधिकारी को इतिहास में उस जोन का अधिकारी रहना जरूरी नहीं होता लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक किसी अन्य जोन से उपाध्यक्ष चुने जाने के लिए सदस्य को इस जोन के प्रतिनिधि के तौर पर कम से कम दो वार्षिक आम बैठकों (एजीएम) में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा।

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