बीसीसीआइ अध्यक्ष को लेकर फूंक-फूंककर रखा जा रहा है कदम
बीसीसीआइ अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर स्थिति साफ होने में अभी तीन-चार दिन और लग सकते हैं।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। अनुराग ठाकुर, राजीव शुक्ला, शरद पवार और अजय शिर्के। शशांक मनोहर के बीसीसीआइ अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद ये चारों नाम क्रिकेट जगत की फिजाओं में घूम रहे हैं, लेकिन इनमें से कोई भी अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। सब ‘देखो और इंतजार करो’ की रणनीति पर चल रहे हैं।बीसीसीआइ अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर स्थिति साफ होने में अभी तीन-चार दिन और लग सकते हैं।
कोई नहीं खोल रहा अपने पत्ते
आइपीएल चेयरमैन और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव राजीव शुक्ला, अनुराग से लेकर श्रीनिवासन तक के खास हैं और इस रेस में भी शामिल हैं, लेकिन वह सिर्फ 20 महीने के लिए अध्यक्ष बनेंगे इसमें संदेह है। अब जो भी नया अध्यक्ष बनेगा उसका कार्यकाल लगभग 20 महीने का ही होगा। इस दौरान अगर लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू हो जाती हैं तो उसे दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए बीच में पद छोड़ना होगा। यही नहीं अगर लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू हो जाती हैं तो शुक्ला अगली बार आसानी से अध्यक्ष पद के दावेदार हो सकते हैं।
पवार भी दौड़ में :
पूर्व बीसीसीआइ और आइसीसी अध्यक्ष पवार ने बोर्ड के पदाधिकारियों से खुलकर कह दिया है कि वह फिर से अध्यक्ष बनना चाहते हैं, लेकिन उनकी उम्र 75 वर्ष है। लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद की स्थितियां भी वर्तमान अधिकारियों में हैं और अगर सुप्रीम कोर्ट इन सिफारिशों को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहता है तो ऐसी स्थिति में पवार को जाना पड़ेगा। हालांकि हमेशा की तरह पवार ने सामने आकर कुछ नहीं कहा है और सिर्फ संबंधित अधिकारियों तक अपना संदेश पहुंचाया है।
जगमोहन डालमिया के निधन के बाद भी वह इस रेस में थे लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, अजय शिर्के, मनोहर और अनुराग के बीच बैठक ने उनका खेल बिगाड़ दिया था।
शिर्के का भी नाम :
अनुराग अध्यक्ष बनते हैं तो सचिव की कुर्सी खाली होगी। ऐसी स्थिति में अनुराग के पास ये शक्ति होगी कि वह अपनी मर्जी का सचिव चुन सकते हैं। इसमें महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के मुखिया अजय शिर्के और सौरव गांगुली का नाम सामने आ रहा है। हालांकि बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि ये सब अनुमान ही है।
सबसे आगे अनुराग ठाकुर
बीसीसीआइ सचिव ठाकुर भी अध्यक्ष बनना चाहते हैं, लेकिन वह चुनाव नहीं चाहेंगे। बीसीसीआइ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अनुराग इसको लेकर आम सहमति चाहेंगे। हालांकि पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष एन श्रीनिवासन गुट अनुराग की राह में रोड़े बिछाने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के मुख्यिा अनुराग बीसीसीआइ चुनाव में सिर्फ एक वोट से श्रीनिवासन गुट के उम्मीदवार संजय पटेल को हराकर सचिव बने थे। उसमें भी भाजपा के बड़े नेता के कहने पर एक वोट श्रीनि गुट की तरफ से इस तरफ खिसक गया था। हालांकि पिछले साल मार्च से अब तक बोर्ड की राजनीति में काफी बदलाव आ गया है और श्रीनि गुट के कई लोग अनुराग के भी खासमखास बन बैठे हैं। केंद्र में भाजपा की सरकार है इसलिए अनुराग को बहुमत जुटाने में मेहनत नहीं करनी होगी लेकिन वह किसी भी कीमत पर चुनाव नहीं चाहेंगे।