AUS vs ENG 2nd Test: अपने ही ताबूत में कील ठोक रही इंग्लैंड टीम, गाबा में इन कारणों से गंवाया टेस्ट मैच
इंग्लैंड की इस दुर्दशा पर गहरी निराशा यह है कि यह काफी हद तक उसकी अपनी ही देन है। उन्होंने खराब बल्लेबाजी की। गेंद से बेपरवाही दिखाई है और फील्डिंग के ...और पढ़ें

आउट होने के बाद निराश बेन स्टोक्स। फाइल फोटो
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। इंग्लैंड के लंबे समय से चले आ रहे खराब प्रदर्शन के इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया। गाबा में 1986 के बाद से जीत को तरस रही इंग्लैंड टीम को एक बार फिर से हार का सामना करना। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्ले से मेहमान टीम को परेशान किया और फिर गेंद से भी भारी दबाव बनाया।
गाबा के दर्शकों की खुशी और क्वींसलैंड की रात के जोश भरे माहौल में इंग्लैंड तीन दिन के अंदर हार बाल-बाल बच गई, लेकिन चौथे दिन उसे 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। पहली पारी में 177 रन से पिछड़ने के बाद इंग्लैंड ने गुलाबी गेंद के खिलाफ अपनी दूसरी पारी की शुरुआत आशाजनक तरीके से की। डिनर ब्रेक तक मेहमान टीम ने छह ओवर में 45-0 का स्कोर बना लिया था।
दोहराई अपनी पुरानी गलतियां
हालांकि, हमेशा की तरह इंग्लैंड ने वही अपनी पुरानी गलती दोहराई- लंबे समय तक अच्छी बल्लेबाजी ना करना और अपरिहार्य गलतियां। बेन डकेट को स्कॉट बोलैंड की गेंद पर बोल्ड होने पर दुर्भाग्यशाली महसूस हो सकता है। फिर भी ओली पोप और जैक क्रॉली दोनों ने बेकार ड्राइव खेली और माइकल नेसर द्वारा कॉट एंड बोल्ड किए गए।
यहां तक कि जो रूट ने भी मिशेल स्टार्क की गेंद पर कट मारने की गलती की। हैरी ब्रुक ने बोलैंड की गेंद को कट करने गए और आउट हुए। जेमी स्मिथ, स्टार्क की गेंद को ड्राइव करने के प्रयास में आउट हुए। कप्तान बेन स्टोक्स ने अर्धशतक जरूर जड़ा लेकिन, बाकी बल्लेबाज हड़बड़ी में गड़बड़ी कर बैठे। फिल्डिंग के दौरान जेक वेदरल्ड, लाबुशेन और स्टीव स्मिथ के कैच टपकाए।
वापसी करना नामुमकिन
इस हार से इंग्लैंड ऐसी स्थिति में है जहां से वापसी नामुमकिन है। 2-0 से पिछड़ने के बाद वापसी का कोई रास्ता नहीं है, खासकर उस टीम के लिए जिसने लगभग 15 सालों से ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल नहीं की है।
डे-नाइट टेस्ट में इंग्लैंड का रिकॉर्ड बहुत खराब है। क्योंकि उन्होंने आठ मैचों में से सिर्फ दो में जीत हासिल की है। उनके तीन डे-नाइट टेस्ट एशेज में खेले गए हैं, सभी ऑस्ट्रेलिया में और तीनों में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। पिछले 17 टेस्ट मैच जो इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया में खेले हैं, उनमें 15 बार हार का सामना करना पड़ा है। मात्र दो बार ड्रॉ करवाने में सफल हुए हैं।
अपनी दुर्दशा की जिम्मेदार खुद
इंग्लैंड की इस दुर्दशा पर गहरी निराशा यह है कि यह काफी हद तक उसकी अपनी ही देन है। उन्होंने खराब बल्लेबाजी की। गेंद से बेपरवाही दिखाई है और फील्डिंग के दौरान कैच भी छोड़े हैं। यह कोई बेहतरीन ऑस्ट्रेलियाई टीम नहीं है और मेजबान टीम के कई अहम खिलाड़ी नहीं खेल रहे हैं। फिर भी, मेजबान टीम इंग्लैंड को टेस्ट मैच जीतने का सबक सिखा रही है।

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