अनुराग ठाकुर बनेंगे बीसीसीआइ अध्यक्ष
आइसीसी के पहले स्वतंत्र अध्यक्ष बनने के लिए शशांक मनोहर ने बीसीसीआइ अध्यक्ष की जिस कुर्सी को खाली किया था उस पर वर्तमान बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर ही बैठेंगे।
नई दिल्ली, [अभिषेक त्रिपाठी]। आइसीसी के पहले स्वतंत्र अध्यक्ष बनने के लिए शशांक मनोहर ने बीसीसीआइ अध्यक्ष की जिस कुर्सी को खाली किया था उस पर वर्तमान बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर ही बैठेंगे। वैसे तो बीसीसीआइ चुनाव के बारे में आखिरी तक कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन अब अध्यक्ष पद की रेस में अकेले अनुराग ही बचे हैं।
बीसीसीआइ के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए 21 मई को नामांकन होगा जबकि इसके अगले दिन बोर्ड की विशेष आमसभा (एसजीएम) में नए मुखिया की घोषणा कर दी जाएगी। शुरू में उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के सचिव व आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला, पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अजय शिर्के भी इस रेस में थे, लेकिन वर्तमान में किसी न किसी कारण से इन सबने अपने पैर पीछे कर लिए हैं। आंकड़े पवार के पक्ष में नहीं हैं तो शिर्के अनुराग के अध्यक्ष पद की कुर्सी छोडऩे के बाद सचिव की दौड़ में हैं। वहीं राजीव 15-16 महीने के लिए अध्यक्ष नहीं बनना चाहते।
लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर ध्यान : उच्चतम न्यायालय में लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आने वाले फैसले को देखते हुए भी बीसीसीआइ अध्यक्ष का फैसला लिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआइ को भी अब इस बात की आशंका है कि लोढ़ा समिति की कई सिफारिशें उस पर अब लागू होने वाली हैं। इसमें एक सिफारिश ये 'कूलिंग ऑफ पीरियडÓ की है। यानि लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद अनुराग चाहकर भी अगले कार्यकाल में अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे और यही कारण है कि वह इस बार ही अध्यक्ष बनना चाहते हैं। हालांकि वह एन. श्रीनिवासन के जाने के बाद ही अध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन समीकरण नहीं बैठने के कारण उन्हें जगमोहन डालमिया का समर्थन करके खुद सचिव बनना पड़ा। वहीं शुक्ला सिर्फ 15-16 महीने के लिए अध्यक्ष या सचिव बनकर अपना अगला मौका नहीं खोना चाहते हैं। अगर वह इस बार अध्यक्ष या अनुराग की जगह सचिव बनते हैं तो उन्हें भी अगले कार्यकाल से पहले आराम करना होगा। यही कारण है कि उन्होंने भी खुद को पीछे कर लिया है और अनुराग का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें पता है कि अनुराग, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद वर्ष 2017 में स्वत: अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो जाएंगे। वही क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष सौरव गांगुली को अध्यक्ष बनने के लिए कम से कम तीन वार्षिक आम सभा (एजीएम) में भाग लेने की जरूरत होगी जो भी वह नहीं पूरा कर सकेंगे। कुल मिलाकर अनुराग के बाद वह पूरे तीन साल के लिए अध्यक्ष पद की दौड़ में सिर्फ शुक्ला होंगे।
चार माह के लिए होगा सचिव नियुक्त : अध्यक्ष बनने के बाद अनुराग सितंबर में होने वाली अगली वार्षिक आम सभा (एजीएम) तक के लिए किसी को भी सचिव नियुक्त कर सकते हैं। इस रेस में शिर्के सबसे आगे हैं। इसके बाद एजीएम में सचिव का चुनाव होगा। मालूम हो कि मनोहर ने दस मई को बीसीसीआइ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह कदम आइसीसी चेयरमैन का चुनाव लडऩे के लिए उठाया था। इस्तीफा देने के दो दिन बाद ही मनोहर आइसीसी के पहले स्वतंत्र चेयरमैन चुन लिए गए थे। मनोहर को डालमिया के निधन के बाद बीसीसीआइ का अध्यक्ष चुना गया था।