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अब विज्ञापन को लेकर बीसीसीआइ में शुरू हुआ नाराजगी का दौर, जानिए क्या है पूरा माजरा

जब चौधरी को पता चला कि यह विज्ञापन जारी कर दिया गया है, तो उन्होंने जौहरी को तुरंत एक पत्र भेजा।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Tue, 05 Dec 2017 02:15 PM (IST)Updated: Tue, 05 Dec 2017 02:31 PM (IST)
अब विज्ञापन को लेकर बीसीसीआइ में शुरू हुआ नाराजगी का दौर, जानिए क्या है पूरा माजरा
अब विज्ञापन को लेकर बीसीसीआइ में शुरू हुआ नाराजगी का दौर, जानिए क्या है पूरा माजरा

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए ‘टीम मैनेजर’ के पद के लिए विज्ञापन में उनकी सहमति के बिना उनका नाम छापने की अनुमति दे दी।

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बीसीसीआइ में आम राय यह है कि क्रिकेट संबंधी किसी भी नियुक्ति की अधिसूचना पर सर्कुलर पर मानद महासचिव की मंजूरी होनी चाहिए। पता चला कि जौहरी ने 28 नवंबर को सदस्यों को यह जानकारी देने के लिए एक ईमेल भेजा था कि 24 और 25 अक्टूबर को बैठक के दौरान प्रशासकों की समिति द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार भारतीय महिला टीम के टीम मैनेजर पद के लिए आवेदन मंगाने का विज्ञापन बीसीसीआइ की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। जब चौधरी को पता चला कि यह विज्ञापन जारी कर दिया गया है, तो उन्होंने जौहरी को तुरंत एक पत्र भेजा।

चौधरी ने लिखा, ‘मैं इससे हैरान हूं। मैं 27 नवंबर से एक दिन पहले अपने कार्यालय (क्रिकेट सेंटर) में था और किसी ने भी इस विज्ञापन का जिक्र नहीं किया था और मेरे नाम से विज्ञापन अपलोड कर दिया गया, जबकि मैंने इसे एक बार देखा भी नहीं था। हैरानी की बात है कि इतनी जल्दबाजी की क्या जरूरत थी।’

चौधरी का सवाल जायज भी है, क्योंकि भारतीय सीनियर महिला टीम का अगला दौरा फरवरी में ही है। जब जौहरी से इस मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया, लेकिन दिलचस्प बात है कि यह विज्ञापन अब वेबसाइट से हटा लिया गया है। अब केवल जीएम (क्रिकेट परिचालन) का पद ही अपलोड किया गया है। हालांकि, बीसीसीआइ के अंदरूनी लोग इस बात से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं कि एक बार फिर दो अधिकारियों के बीच के मतभेद खुले में सामने आने लगे हैं।

बीसीसीआइ के सीनियर अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘इस पर अब भी कोई स्पष्टता नहीं है कि कौन बोर्ड का कार्यकारी पदाधिकारी है। अगर बीसीसीआइ के इतने वषों के हिसाब से चला जाए तो कार्यकारी सचिव ही संस्था का पदाधिकारी होता है, लेकिन सीओए की व्यवस्था में यह सीईओ का हो गया। सीईओ एक वेतनभोगी कर्मचारी है तो उसे सचिव को रिपोर्ट करना होता है। सदस्यों ने एक और मुद्दा उठाया है कि सचिव और सीईओ की भूमिकाओं का एक स्पष्ट निर्धारण हो।’

सीओए ने सीईओ के साथ सोमवार को मुंबई में क्रिकेट सेंटर में मुलाकात की। विनोद राय ने यह कहते हुए पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया कि यह बैठक दिनचर्या का हिस्सा थी। उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन के खेल के दौरान धुंध से आई बाधा संबंधित सवाल पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

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