अजिंक्य रहाणे दिमाग से हैं चालाक, अच्छी तरह पता है कप्तानी का हर एक दांव
Ind vs Aus भारतीय टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली जब भारत लौट आए थे तो सारी जिम्मेदारी अजिंक्य रहाणे के कंधों पर थी। रहाणे ने भी टीम को निराश नहीं किया और भारत को सीरीज जिता दी।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। मुलुंड से आजाद मैदान तक धक्के खाकर ट्रेन से पहुंचने का अजिंक्य रहाणे का सफर ही उनके संघर्ष से कठोर बनने की कहानी का गवाह है। चेहरे से शांतचित्त, लेकिन दिमाग से चालाक रहाणे अच्छे से जानते हैं कि उन्हें कौन सा दाव कब खेलना है। कराटे में ब्लैकबेल्ट रहाणे के पास कप्तानी का हर दांव है। वह निडर हैं, साहसी हैं और जीवंत हैं। यही वजह है कि आज रहाणे की टीम 'अजिंक्य' (अजेय) टीम है।
2013 में दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब वह पहली बार टेस्ट खेलने उतरे थे तो वह सफल नहीं रहे थे, लेकिन उसी साल डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 51 और 96 रनों की पारी खेलकर रहाणे ने सुनहरे भविष्य की झलक दिखा दी थी। राहुल द्रविड़ जैसी शख्सियत को क्रिकेट की पिच पर जिस वक्त याद किया जा रहा था, उस वक्त रहाणे ने अपने व्यक्तित्व से इस कमी को भर दिया।
रहाणे को जब भी जिम्मेदारी मिली वह कभी पीछे नहीं हटे। आइपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए ओपनिंग करना रहा हो या फिर बुरे दौर के समय कप्तानी ही नहीं, टीम से भी बाहर होना हो। उन्होंने कभी हार नहीं मानी। यहां तक कि 2020 आइपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की टीम में उनके लिए जगह तक नहीं थी। वह बेंच पर बैठे रहे और मिले मौकों को भुना नहीं पाए, लेकिन उन्होंने अपनी कमियां स्वीकार करने से कभी गुरेज नहीं किया।
रहाणे को जब भी टीम इंडिया की कप्तानी मिली तो उन्होंने हालत को समझते हुए टीम चुनी। हालात को देखते हुए अपने गेंदबाजों को गेंद थमाई और मौके की जरूरत के हिसाब से मेलबर्न टेस्ट में शतक ठोककर अपनी टीम को जिताया भी।
केवल मैदान पर ही नहीं, उनके व्यक्तित्व ने टीम के ड्रेसिंग रूम में भी प्रभाव डाला। 36 रन पर ऑलआउट होने से मिली हार के बाद निराश टीम में रहाणे ने जोश सा भर दिया, जहां हर एक खिलाड़ी खुद को साबित करने के लिए आतुर हो गया था। उनका खिलाड़ियों को आत्मविश्वास दिलाना ही इस जीत की सबसे बड़ी वजह बना। खुद को कमतर आंके जाने का गुस्सा उन्होंने खुद को साबित करके निकाला और एक ऐसी टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया फतह कर लिया, जिसके आठ अहम खिलाड़ी चोटिल हो चुके थे।
भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा, "यह जीत काफी मायने रखती है। मुझे नहीं पता कि इस जीत को कैसे बयां करूं। मुझे अपनी टीम के खिलाडि़यों पर गर्व है, हर किसी पर। हम सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते थे, परिणाम के बारे में नहीं सोच रहे थे। जब मैं बल्लेबाजी करने गया था तो मेरे और चेतेश्वर पुजारा के बीच यही बात हो रही थी कि पुजारा को सामान्य बल्लेबाजी करनी है और मुझे अपने शॉट खेलने हैं क्योंकि हम जानते थे कि आगे पंत और मयंक हैं। पुजारा को श्रेय देना होगा। उन्होंने जिस तरह से दबाव का सामना किया वो शानदार है। अंत में पंत ने भी बेहतरीन काम किया।"