आदित्य वर्मा ने COA प्रमुख विनोद राय से की इस्तीफे की मांग, ये है वजह
वर्मा ने लिखा है कि आप बीसीसीआइ की छवि के लिए पद से इस्तीफा दें, क्योंकि पिछले दो वर्षो में आपकी गलत कार्यशैली की वजह से बीसीसीआइ की छवि खराब हुई है।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने में विफल रहने की वजह से प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय से इस्तीफे की मांग की है। वर्मा ने रविवार को राय को पत्र लिखकर कई अहम बिंदुओं को उठाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है।
वर्मा ने लिखा है कि आप बीसीसीआइ की छवि के लिए पद से इस्तीफा दें, क्योंकि पिछले दो वर्षो में आपकी गलत कार्यशैली की वजह से बीसीसीआइ की छवि खराब हुई है। उन्होंने लिखा है कि दिग्गज अनिल कुंबले को जिस तरह अपमानित करके कोच के पद से हटाया गया, उसकी जितनी भी आलोचना की जाए कम है। भारतीय महिला टीम की दो अहम खिलाड़ियों के बीच कोच को मुद्दा बनाकर उन्हें आपस में लड़ाने का काम किया गया।एक कप्तान के द्वारा मीडिया के जरिये आपने सीओए की वर्तमान सदस्य डायना इडुल्जी के बारे में गलत बयानबाजी करने के बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
वर्मा ने बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी पर उनकी मेहरबानी को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा कि बीसीसीआइ में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने आपके चहेते जौहरी के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाकर फरवरी में इस्तीफा दे दिया था, लेकिन आपने उस महिला कर्मचारी का इस्तीफा वापस कराकर उसे दूसरे विभाग में स्थानांतरित करा दिया। इसके बाद जब मीडिया ने इस घटना को उछाला और कुछ महिलाओं ने जौहरी पर यौन शोषण के आरोप लगाए तब आपने इडुल्जी की बातों को दरकिनार कर जांच समिति बनाकर जौहरी को बचाने का काम किया।
वर्मा ने एक टीवी शो के दौरान महिलाओं को लेकर दो भारतीय खिलाड़ियों द्वारा किए गए बयान पर राय के दोहरे मानदंड पर सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा कि एक टीवी शो में दो उभरते हुए खिलाड़ियों ने अपने घृणात्मक बयानों से नारी समाज को अपमानित करके बीसीसीआइ की साख पर बट्टा लगाया है। आपने इसकी जांच उस जौहरी को सौंपी है जिन्हें कुछ दिन पहले आपने यौन शोषण मामले में बचाया। साथ ही वर्मा ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में चल रही गड़बड़ियों पर भी राय को घेरा।
वर्मा ने लिखा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के वर्तमान सचिव जो कि आपके रिश्तेदार हैं, उनके खिलाफ अनगिनत मेल सबूतों के साथ आपको भेजे गए, लेकिन आपने कोई जवाब नहीं दिया। उलटे आपके इशारे पर मेरे बेटे लखन राजा को दो साल के निलंबित कर दिया गया। इसके बाद पटना हाई कोर्ट द्वारा मेरे बेटे के निलंबन पर रोक लगाने के बावजूद सचिव ने पूरे साल उसे चयन प्रक्रिया में भाग लेने का मौका नहीं दिया। वर्मा ने आगे लिखा है कि आपने पिछले दो वर्षो में सुप्रीम कोर्ट को 10 स्टेटस रिपोर्ट भेजे हैं और आप समझते हैं कि आप अपना काम बखूबी कर रहे हैं। मैं अपने वकील द्वारा आगामी 17 जनवरी को आपके पूरे कुकृत्य को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखकर आपको हटाने की मांग करूंगा। मैं पूर्व सक्षम पदाधिकारियों से आग्रह करूंगा कि वे भी आपको हटाने के लिए गुहार लगाएं।