चहल व कुलदीप की जुगलबंदी जमा रही रंग
भारतीय गेंदबाज भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खासी परेशान कर रही है।
(गावस्कर का कॉलम)
ऐसा लगता है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी मौजूदा सीरीज में सारे इक्के भारत के पास ही हैं। उनकी बल्लेबाजी लय में नजर आ रही है, कप्तान विराट कोहली भी एक बार फिर रनों की लड़ी के साथ लौट आए हैं। गेंदबाजी भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खासी परेशान कर रही है।
दूसरी तरफ मेहमान टीम डेविड वार्नर और स्टीव स्मीथ पर बहुत हद तक निर्भर नजर आ रही है। इन दोनों के नहीं चलने पर टीम जीत से दूर रह जा रही है। हां, स्मिथ जरूर अपने सौवें वनडे मैच में अर्धशतक लगाने में सफल रहे, लेकिन ईडन गार्डेंस पर टीम को जीत दिलाने के लिए यह नाकाफी रहा। उन्हें वह नींव नहीं मिल पर रही है जिसकी अपेक्षा कोई भी टीम अपने शीर्षक्रम से करती है। भारत की तरह उनका मामला नहीं है, जिसकी बल्लेबाजी निचले क्रम में भी मजबूत नजर आती है। शीर्षक्रम के पवेलियन लौटते ही ऑस्ट्रेलियाई टीम संकट में नजर आने लगती है।
गेंदबाजी में भी उनके पास चौंकाने वाली ऐसी कोई भी बात नहीं है जैसा कि भारत अपने दो कलाई के स्पिनरों के साथ कर रहा है। पैट कमिंस तेज हैं और कूल्टर-नील विकेट झटक रहे हैं, लेकिन बैकअप में कोई ऐसा गेंदबाज नजर नहीं आ रहा जो कमिंस और नील द्वारा शुरुआती ओवर में बनाए गए दबाव को आगे भी कायम रख सके।
पसीने से तर-ब-तर कर देने वाली इस गर्मी में स्मिथ को अपने शुरुआती गेंदबाजों के ओवर के कोटे का भी ध्यान रखना होगा। बायें हाथ के स्पिनर एस्टन एगर ने भी अब तक बुरा काम नहीं किया है, लेकिन वह कभी भी चहल और कुलदीप की तरह खतरनाक नजर नहीं आए। चहल और कुलदीप की जुगलबंदी देखते ही बन रही है। मैदान पर दोनों एक दूसरे की गेंदबाजी की कमियों को पूरा करते नजर आ रहे हैं। दोनों का बड़ा जिगर ही दोनों की गेंदबाजी की खूबी है। लेग स्पिनर कभी-कभी महंगे साबित हो जाते हैं, लेकिन ये दोनों बोलिंग करने से कभी पीछे नहीं हटते, जिससे साबित होता है कि इनके पास एक बड़ा जिगर है। जब मैक्सवेल ने युवा यादव को एक बार फिर निशाना बनाना शुरू किया तो कोहली ने गेंदबाजी में बदलाव का अच्छा फैसला किया। लेकिन जब यह युवा गेंदबाज दोबारा से बोलिंग करने आया तो उसने अपनी लाइन-लेंथ में लगातार बदलाव किए और सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाला सिर्फ तीसरा भारतीय गेंदबाज बनने का गौरव हासिल किया।
इंदौर की पिच हमेशा की ही तरह इस बार भी शायद बल्लेबाजों को भाए। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई उम्मीद कर रहे होंगे कि एरोन फिंच जल्द से जल्द फिट हो जाएं, क्योंकि उन्होंने कई बार गेम चेंजर की भूमिका निभाई है। फिंच को भारत में खेलने का अपार अनुभव भी है और यदि वह और वार्नर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने में कामयाब रहे तो फिर भारत को जीत के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। भारत भी उम्मीद कर रहा होगा कि रोहित शर्मा के बल्ले से रन निकले, क्योंकि यह वह खिलाड़ी है जो आसानी से विपक्षी से मैच छीन सकता है। रहाणे और कोहली ने लय हासिल कर ली है और अगर शर्मा भी चल पड़े तो क्रिकेट प्रेमियों का जोरदार मनोरंजन होना तय है। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह करो या मरो का मुकाबला है। अगर इंदौर में भी वे हार टाल नहीं पाते हैं तो फिर यह सीरीज बेजान हो जाएगी।