विंडीज को देना होगा अपना सर्वश्रेष्ठ, गावस्कर
वेस्टइंडीज की टीम ने जिस तरह से भारत की 'ए' टीम के खिलाफ मुकाबले गंवाए, उससे यही संदेश जाता है कि भारत अपनी पूरी ताकत
(गावस्कर का कॉलम)
वेस्टइंडीज की टीम ने जिस तरह से भारत की 'ए' टीम के खिलाफ मुकाबले गंवाए, उससे यही संदेश जाता है कि भारत अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान पर उतरेगा तो कैरेबियाई टीम को रौंद ही डालेगा। बेशक, लेकिन अक्सर दौरा करने वाली टीम नए माहौल और जलवायु की अभ्यस्त होने में थोड़ा वक्त लेती है। अभ्यास मैच में वे अपने कुछ स्टार खिलाडिय़ों के बगैर भी थे, जो भारत में ही चैंपियंस लीग खेलने में मसरूफ थे, अब उनके टीम से जुड़ जाने के बाद अन्य खिलाडिय़ों के दृष्टिकोण में भी बदलाव आया होगा। जो भी हो, इस सीमित ओवरों की सीरीज को एकतरफा बनने से रोकने के लिए उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।
कैरेबियाई टीम में मौजूद कुछ नए चेहरे भारतीय पिचों से अनजान हैं, ऐसे में पहले ओवर से ही टर्न लेने वाली यहां कि पिचों से सामंजस्य बिठाने में थोड़ा वक्त लगेगा। बहुत कुछ ड्वेन ब्रावो, डेरेन ब्रावो, रामदीन और पोलार्ड के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। सुनील नरेन की टीम को कमी खलेगी। चैंपियंस लीग के दौरान अंपायरों द्वारा दो बार एक्शन पर सवाल उठाए जाने के बाद वेस्टइंडीज के अधिकारियों ने उन्हें दौरे से बाहर खींच लिया। नरेन आइपीएल में खेलते रहे हैं, इसके बावजूद कई भारतीय बल्लेबाजों के लिए उनकी गेंदबाजी अभी भी अबूझ है।
भारतीय बल्लेबाजों के लिए खासकर यह दौरा ऑस्ट्रेलिया के आगामी दौरे से पहले फॉर्म हासिल करने का सुनहरा मौका है। शिखर धवन और विराट कोहली दो ऐसे बल्लेबाज थे, जो इंग्लैंड के पिछले दौरे पर रनों के लिए बुरी तरह से जूझते नजर आए। अजिंक्य रहाणे ने इंग्लैंड में अच्छा खेल दिखाया था और वह यहां भी अपनी अच्छी फॉर्म जारी रखने के लिए उत्सुक होंगे। भारत कुलदीप यादव और अमित मिश्रा दोनों को खिलाता है या नहीं यह देखने वाली बात होगी। एक उत्कृष्ट क्षेत्ररक्षक और निचले क्रम पर संक्षिप्त लेकिन तेज पारी खेलने की काबिलियत रखने वाले जडेजा की जगह पक्की नजर आती है। ऐसे में कुलदीप और मिश्रा में से केवल एक की जगह बन पाती है। कैरेबियाई बल्लेबाज लेग स्पिन अच्छी तरह से नहीं खेल पाते हैं इस कारण वह विकेटों की झड़ी लगा सकते हैं। भारत सीरीज का प्रबल दावेदार है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इसकी शुरुआत कैसे करता है।