हम कई वर्ष पीछे चले गए
वह 25 मार्च का दिन था जब पाकिस्तानी टीम टी-20 विश्व कप से बाहर हो गई। यह विडंबना ही है कि पाक टीम का सफर उसी दिन थमा जिस दिन हम 1992 विश्व कप जीत की सालगिरह मना रहे थे। पाकिस्तानी क्रिकेट के लिए इससे खराब और क्या हो सकता
(वसीम अकरम का कॉलम)
वह 25 मार्च का दिन था जब पाकिस्तानी टीम टी-20 विश्व कप से बाहर हो गई। यह विडंबना ही है कि पाक टीम का सफर उसी दिन थमा जिस दिन हम 1992 विश्व कप जीत की सालगिरह मना रहे थे। पाकिस्तानी क्रिकेट के लिए इससे खराब और क्या हो सकता है। हालांकि हमें 1992 विश्व कप की जीत से आगे बढ़ने की जरूरत है, क्योंकि वह एक इतिहास था। हमें तीन-चार वर्ष और भविष्य के बारे में सोचना होगा। हम भूल जाते हैं कि 1992 में भी हमने और इमरान खान ने जीत के लिए तीन-चार साल पहले ही रणनीति बनानी शुरू कर दी थी।
अफसोस विश्व क्रिकेट में हम कई वर्ष पीछे चले गए हैं। कुछ खिलाडि़यों का फिटनेस स्तर चौंकाने वाला है। उन्हें इंटरनेट, फेसबुक और टिवट्र पर सर्च करना चाहिए की दूसरे देशों के खिलाड़ी कैसे खुद को फिट रखे हुए हैं। इन्हें एलिस्टेयर कुक, विराट कोहली, स्टीवन स्मिथ और एबी डिविलियर्स से सीख लेकर खुद को और बेहतर करना होगा। यह भी सचाई है कि हमारे पास बहुत से अच्छे खिलाड़ी हैं। हमें गहराई में जाकर निचले स्तर से लेकर शीर्ष तक सब कुछ बदलना होगा। प्रथम श्रेणी ढांचे में हर साल परिवर्तन करना होगा, जैसा कि भारत में किया जाता है। इसके लिए पहले से योजनाएं बनानी होंगी। यह परिवर्तन तभी होगा जब किसी का नजरिया इस तरह का होगा। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा।
मुझे लगता है कि पाकिस्तानी क्रिकेट के लिए सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि अब उसे तीनों प्रारूपों के लिए एक कप्तान बनाने की जरूरत है। मुझे लगता है कि पाक क्रिकेट के कर्ताधर्ता भी ऐसा सोचते होंगे।
(टीसीएम)