IND vs WI: हैरान करती है कोहली की निरंतरता
अभी कोहली नामक बल्लेबाजी मशीन रनों का अंबार लगाने में लगी हुई है
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
अंत में मैच का टाई होना ही सर्वश्रेष्ठ परिणाम था क्योंकि किसी भी टीम के गेंदबाजों ने अपनी टीम को जिताने के लिए कुछ खास नहीं किया। कप्तान अपने गेंदबाजी आक्रमण को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंतित होंगे। टी-20 क्रिकेट के आने से वनडे क्रिकेट भी ज्यादा आक्रामक हो गया है। अब 300 से ज्यादा का स्कोर बनना आम बात हो गई है।
घरेलू टीम होने के नाते भारत के पास देशभर से खिलाड़ी चुनने का मौका है जबकि मेहमान टीम सिर्फ 16 खिलाडि़यों तक ही सीमित हैं। अंतिम तीन वनडे के लिए भुवनेश्वर और बुमराह ने वापसी की है। वे कैसे गेंदबाजी करते हैं, यह देखना रोचक होगा, खासतौर से पारी की शुरुआत में। हालांकि यह आसान नहीं होगा क्योंकि करीब तीन हफ्ते से ज्यादा समय तक बाहर रहने के बाद उन्हें फिर से लय हासिल करनी होगी।
कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश के खिलाड़ी तमीम इकबाल ने कहा था कि भारतीय कप्तान विराट कोहली जिस ढंग से बल्लेबाजी कर रहे हैं, उसे देखते हुए वह इंसान नहीं लगते। वह बिल्कुल सही हैं। अभी कोहली नामक बल्लेबाजी मशीन रनों का अंबार लगाने में लगी हुई है। कोहली की निरंतरता सच में गजब है, लेकिन उससे भी खास बात यह है कि वह स्थितियों को बेहतर ढंग से पढ़ते हैं और टीम की जरूरत के हिसाब से खेलते हैं।
जब वह बल्लेबाजी करने उतरते हैं, तो इसमें जरा भी शक नहीं होता कि वह शतक बनाएंगे। ऐसा अहसास इससे पहले सिर्फ सर डोनाल्ड ब्रेडमैन की बल्लेबाजी के वक्त होता था। सर डॉन बेहद शांत स्वभाव के साथ बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरते थे जबकि विराट धूम मचाने के इरादे से उतरते दिखते हैं और विपक्षी खिलाड़ी उनसे आंख मिलाना नहीं चाहते।
हां यह सही है कि वह इंसान ही हैं, जब भारत फील्डिंग कर रहा होता है, तो आप उनकी भावनाओं को देख सकते हैं।भारत निश्चित तौर पर गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव कर विंडीज को फिर से 300 पार का स्कोर बनाने से रोकना चाहेगा।
वे पिछले मैच की तुलना में ज्यादा बेहतर फील्डिंग भी करना चाहेंगे। टीम प्रबंधन को यह भी विकेट पर गैर जरूरी थ्रो करने की समस्या की ओर भी देखना चाहिए। विजाग के मैच में हम देख चुके हैं कि यह चीज जीत और हार के बीच अंतर पैदा कर सकती है।