शतक से वॉर्नर का आत्मविश्वास बढ़ेगा
वनडे सीरीज के बाद टी-20 मैच में विशाल जीत हासिल करने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने यह सुनिश्चित कर लिया है कि वे श्रीलंका से अच्छी यादों के साथ विदा होंगे।
(गावस्कर का कॉलम)
वनडे सीरीज के बाद टी-20 मैच में विशाल जीत हासिल करने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने यह सुनिश्चित कर लिया है कि वे श्रीलंका से अच्छी यादों के साथ विदा होंगे। पाकिस्तान ने भी आखिरी वनडे मैच जीतकर क्लीन स्वीप की शर्म से खुद को बचा लिया और उसके बाद टी—20 मैच में भी उसने जीत दर्ज की।
श्रीलंका को अपने चोटिल कप्तान एंजेलो मैथ्यूज के बिना ही मैदान में उतरना पड़ा। मैथ्यूज एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो विकेट लेने के साथ-साथ जरूरत पडऩे पर बड़े शॉट भी लगा सकते हैं, इसलिए उनकी कमी श्रीलंका को खली। युवा श्रीलंकाई टीम टेस्ट सीरीज की तरह यहां पर अपने खेल का स्तर नहीं उठा सकी। इसी वजह से दूसरे मैच में जीत के साथ सीरीज बराबर करने के बावजूद वे वापसी नहीं कर सके। ऑस्ट्रेलिया को चुनौती देने के लिए वे पर्याप्त स्कोर खड़ा नहीं कर सके। रनों के लिए संघर्ष कर रहे डेविड वॉर्नर ने अंतिम वनडे में शतक लगाया, जिससे मेहमान टीम ने 4-1 से सीरीज में जीत दर्ज की। वॉर्नर का शतक उनके करियर के मुश्किल समय में आया है और अब घरेलू धरती पर नए सीजन की शुरुआत ज्यादा विश्वास के साथ कर सकेंगे। वह टेस्ट सीरीज के बाद शुरुआती वनडे मैचों में संघर्ष करते दिखे थे और उनकी फॉर्म वापसी इसलिए अच्छी खबर है क्योंकि वह ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्हें गेंदबाजों की धुनाई करते देखने के लिए लोग अपना सब काम छोड़ सकते हैं।
ग्लेन मैक्सवेल भी ऐसे ही खिलाड़ी हैं, लेकिन शॉट चयन की वजह से टीम में अपना स्थान गंवा देना सही नहीं है। करियर की शुरुआत में वॉर्नर के साथ भी यही समस्या थी, वह भी पहली ही गेंद से बड़े शॉट लगाना चाहते थे। हालांकि कोई भी बल्लेबाज हमेशा रन नहीं बना सकता है, लेकिन शुरुआत में कुछ गेंद पर संभलकर खेलना गलत नहीं है। इससे पिच और स्थितियों का अंदाजा लग जाता है। टी-20 मैच में मैक्सवेल से ओपनिंग कराने का फैसला श्रीलंका पर बहुत भारी पड़ा। मैक्सवेल ने मैदान के हर कोने में शॉट लगाते हुए 145 रनों की पारी खेली और टीम में धमाकेदार वापसी की। टीम से बाहर रहने के दौरान उन्हें अपनी गेम के बारे में सोचने का पर्याप्त समय मिला। वॉर्नर की तरह ही वह भी जब फॉर्म में होते हैं, तो उनसे बेहतर इंटरटेनर कोई नहीं हो सकता।
बेन स्टोक्स भी एक अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन उनके साथ चोट की समस्या है। पूरे इंग्लिश सत्र के दौरान वह इस समस्या से जूझते रहे। वह भी धमाकेदार पारी खेल सकते हैं और इंग्लैंड के पास जेसन रॉय, एलेक्स हेल्स और जोस बटलर के रूप में कुछ और विस्फोटक बल्लेबाज हैं। अपने शतक के दम पर ऑस्ट्रेलिया को 4-1 से सीरीज जीत दिलाने के लिए डेविड वॉर्नर को इस हफ्ते का सीएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द वीक चुना जाता है।