लक्ष्य का पीछा करने में ज्यादा सहज हैं टीमें
बहुत सी टीमों के लिए आधा आइपीएल खत्म हो चुका है और वे अपनी टीम के लिए उचित संयोजन तलाश चुकी हैं। वह यह भी समझ चुकी हैं कि उनके लिए लक्ष्य का पीछा करना सही रहेगा या पहले बल्लेबाजी करना। अधिकतर टीमें लक्ष्य का पीछा करने का विकल्प ज्यादा
(गावस्कर का कॉलम)
बहुत सी टीमों के लिए आधा आइपीएल खत्म हो चुका है और वे अपनी टीम के लिए उचित संयोजन तलाश चुकी हैं। वह यह भी समझ चुकी हैं कि उनके लिए लक्ष्य का पीछा करना सही रहेगा या पहले बल्लेबाजी करना। अधिकतर टीमें लक्ष्य का पीछा करने का विकल्प ज्यादा चुन रही हैं, क्योंकि उनकी गेंदबाजी का स्तर बहुत नीचा है।
हालांकि कुछ गेंदबाज हमेशा ही अपवाद साबित होते हैं, लेकिन अधिकतर टीमों के पास खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण नहीं है, जिससे विपक्षी टीम में खौफ पैदा हो। इसलिए टॉस जीतते ही कप्तान लक्ष्य का पीछा करने के लिए खुद को तैयार कर लेते हैं। उन्हें यह विश्वास रहता है कि उनके बल्लेबाज किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। सिर्फ दोपहर के मैचों में ही टीमें धूप में फील्डिंग से बचने के लिए पहले बल्लेबाजी का फैसला कर रही हैं। हालांकि उनके गेंदबाजों को भी ओस की वजह से गेंद को ग्रिप करने में समस्या होती है।
गुरुवार के मैच में रोहित शर्मा ने पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। खराब फील्डिंग के बावजूद मुंबई जीत गई। रोहित के अलावा कीरोन पोलार्ड ने शानदार बल्लेबाजी कर इस जीत को संभव बनाया। जब शर्मा अपनी लय में होते हैं, तो उनको देखने का अलग ही मजा है। पारंपरिक बल्लेबाजी के साथ आपको पावर हिटिंग भी देखने को मिलती है। जब वह गेंद को हिट करते हैं, तो बहुत दूर जाती है। हालांकि पोलार्ड के शॉट ज्यादा लंबे हाते हैं। चोट से उबरने के बाद पोलार्ड आइपीएल में लौटे हैं। उन्होंने धमाकेदार पारी खेलने से पहले टूर्नामेंट में थोड़ा समय लिया। वह अब ज्यादा सहज दिख रहे हैं। पहले की तरह गुस्से में नहीं हैं, इससे वह और भी खतरनाक हो गए हैं, क्योंकि अब उनका फोकस सिर्फ विपक्षी टीम को ध्वस्त करने पर है न कि किसी व्यक्ति विशेष पर। कोलकाता और दिल्ली दोनों को ही करीबी अंतर से हार झेलनी पड़ी, इसलिए वे फिर से जीत की लय पकडऩा चाहेंगे। वहीं बेंगलूर टीम कोहली व डिविलियर्स की शानदार फॉर्म के भरोसे जीत के क्रम को कायम रखने की उम्मीद कर रही होगी।