टीम इंडिया को परिस्थिति के अनुसार ढलना होगा
श्रीलंका के युवा तेज गेंदबाजों ने पुणे में खेले गए पहले टी-20 मैच में भारतीय बल्लेबाजों को झुकने पर मजबूर कर दिया। पिच पर जरूर थोड़ी घास थी, लेकिन उससे ज्यादा गलत शॉट चयन ने काम खराब किया। अब जब शुक्रवार को सीरीज का दूसरा मैच रांची में खेला जाना
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
श्रीलंका के युवा तेज गेंदबाजों ने पुणे में खेले गए पहले टी-20 मैच में भारतीय बल्लेबाजों को झुकने पर मजबूर कर दिया। पिच पर जरूर थोड़ी घास थी, लेकिन उससे ज्यादा गलत शॉट चयन ने काम खराब किया। अब जब शुक्रवार को सीरीज का दूसरा मैच रांची में खेला जाना है, उससे पहले टीम इंडिया को अपने भीतर झांकने की जरूरत है। भारतीय बल्लेबाजों को यह पता होगा कि वे भारतीय धरती पर वापस आ चुके हैं। इसलिए उन्हें गेंद का इंतजार करने की जरूरत है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की सपाट विकेट पर भले ही गेंद स्विंग न हुई हो, लेकिन बल्ले पर तेजी से आ रही थी। भारतीय पिचों पर गेंद थोड़ा रुककर आएगी।
पुणे में हुए मैच ने दिखा दिया कि टी-20 फॉर्मेट में किसी भी टीम को कम नहीं आंका जा सकता। जिस ढंग से श्रीलंकाई टीम ने अनुभवी टीम इंडिया को नींद से जगाया, वह काबिले तारीफ है। जो सीरीज एकतरफा लग रही थी, वह अचानक ही रोमांचक हो गई है।
पुणे में खेले गए पहले मैच के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को शायद यह कहने से पहले सोचना चाहिए था कि यहां की परिस्थितियां इंग्लैंड जैसी थी, क्योंकि पिच के साथ-साथ मौसम भी ठंडा था। लेकिन अगर कप्तान की सोच ऐसी ही है, तो भारतीय प्रशंसकों को इंग्लैंड दौरे पर भारत के लिए क्लीन स्वीप के लिए तैयार रहना चाहिए। टी-20 फॉर्मेट में बल्लेबाज के पास संभलने के लिए ज्यादा समय नहीं होता, लेकिन अगर टीम पहले ही ओवर में दो विकेट गंवा दे, तो उसकी भरपाई करनी होती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और एक के बाद एक बल्लेबाज बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में आउट होते चले गए। सात गेंद शेष रहते भारतीय पारी खत्म हो गई, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बल्लेबाजों ने अपना काम सही से नहीं किया।
100 रन से थोड़े से ज्यादा लक्ष्य का बचाव करना कभी आसान नहीं होता और श्रीलंका ने जल्द विकेट गंवाने के बावजूद मैच जीत लिया। उनके दो अनुभवी बल्लेबाज कप्तान चांदीमल और कापूगेदरा ने विकेट पर टिककर अच्छी साझेदारी निभाई। हालांकि श्रीलंका उस समय और विकेट गंवा देता, तो भी ऐसा नहीं था कि वे इस छोटे से लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाते।
(पीएमजी)