टीम इंडिया को लेकर विराट कोहली से उलट राय है सुनील गावस्कर की
गावस्कर ने टीम कॉम्बिनेशन को लेकर कोहली से जुदा राय सामने रखी है।
सुनील गावस्कर का कॉलम
दूसरे टेस्ट मैच से पहले भारत हर क्षेत्र में भारी दिख रहा है। उन्हें एक सकारात्मक सिरदर्द से गुजरना होगा कि आखिर केएल राहुल के लिए कौन ओपनिंग जगह खाली करेगा। या फिर भारत एक अतिरिक्त गेंदबाज को जगह देते हुए फिर से उसी संयोजन पर भरोसा जताएगा, जिसकी वजह से वे पहला टेस्ट चार दिन के भीतर जीत गए थे।
दुर्भाग्य से मुकुंद को बाहर बैठना पड़ेगा। दूसरी पारी में उनके लिए रन बनाना इसलिए आसान था, क्योंकि उस समय श्रीलंकाई गेंदबाज रन बचाने की कोशिश में थे। दूसरी तरफ अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से धवन ने पहले दिन ही मैच श्रीलंका के हाथों से छीन लिया था। लंच के बाद तो खासतौर पर वह श्रीलंकाई गेंदबाजों के साथ खेल रहे थे।
पिछले दो साल से चेतेश्वर पुजारा भारतीय बल्लेबाजी के प्रमुख स्तंभ रहे हैं। उनके मजबूत रक्षात्मक खेल की वजह से ही दूसरे खिलाड़ी अपने शॉट बिना किसी चिंता के लगाते हैं। उन्हें पता होता है कि दूसरे छोर को पुजारा ने मजबूती से थामा हुआ है। ठीक ऐसा ही काम द्रविड़ किया करते थे और उन्हीं की तरह पुजारा को भी पर्याप्त श्रेय नहीं मिलता।
अगर विकेट जल्द गिर जाते हैं, तो वह बाद के बल्लेबाजों को नई गेंद का सामना करने से बचाते हैं। अपने मजबूत डिफेंस से गेंदबाजों को हताश करने वाले भी वही हैं। उन्हें भारत के मजबूत बल्लेबाजी क्रम का भी लाभ मिलता है, क्योंकि उन्हें पता होता है कि अगर वह आउट हुए तो दूसरे खिलाड़ी टीम को अच्छे स्कोर तक ले जाएंगे। इससे वह खुलकर शॉट खेलते हैं। अपने लिए खास टेस्ट मैच में वह एक और शानदार पारी खेलने की कोशिश में होंगे।
अपने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए हार्दिक पांड्या ने शानदार पदार्पण किया और उस समय पूरी तरह निराश हो चुकी गेंदबाजी का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने एक विकेट भी चटकाया, लेकिन यह स्पष्ट है कि कोहली गेंदबाज के तौर पर उनका इस्तेमाल शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के पवेलियन लौटने के बाद ही करना चाहेंगे। अगर उन्हें आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करनी है, तो एक गेंदबाज के तौर पर ज्यादा भूमिका निभानी चाहिए। ऐसे में एक नियमित गेंदबाज को खिलाना ज्यादा अच्छा होगा।
खैर, घरेलू टीम की तुलना में भारतीय टीम में बहुत थोड़ी कमियां हैं। श्रीलंका को भारतीय टीम को चुनौती देने के लिए काफी कुछ करना होगा। उनके ओपनर संघर्ष कर रहे हैं, उनका मध्य क्रम दिनेश चांदीमल और लाहिरू थिरिमाने के आने से थोड़ा मजबूत होगा, लेकिन उनकी गेंदबाजी में बिल्कुल भी धार नहीं है। प्रदीप ने भले ही छह विकेट लिए हों, लेकिन उससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। हेराथ भी अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं दिख रहे हैं। इस वजह से श्रीलंका के पास 20 विकेट लेने की क्षमता नहीं दिख रही है।
भारतीय बल्लेबाज अगर बहुत ही खराब प्रदर्शन करें, तभी उन्हें कुछ फायदा हो सकता है। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए यह मुश्किल लगता है।
(पीएमजी)