नागपुर में दक्षिण अफ्रीका ने सीखा अहम सबक
आपको लग सकता है कि मौजूदा परिस्थितियां दक्षिण अफ्रीका के लिए बिलकुल अनजान हैं। खुद अमला ने भी इस बात को माना है कि नागपुर और मोहाली टेस्ट एक बल्लेबाज के तौर पर उनके करियर के सबसे मुश्किल टेस्ट रहे। और याद रहे कि इस बल्लेबाज ने कोई 30 टेस्ट
(मांजरेकर का कॉलम)
आपको लग सकता है कि मौजूदा परिस्थितियां दक्षिण अफ्रीका के लिए बिलकुल अनजान हैं। खुद अमला ने भी इस बात को माना है कि नागपुर और मोहाली टेस्ट एक बल्लेबाज के तौर पर उनके करियर के सबसे मुश्किल टेस्ट रहे। और याद रहे कि इस बल्लेबाज ने कोई 30 टेस्ट ही नहीं खेले हैं।
हालांकि मुश्किल चुनौतियां हमेशा कुछ न कुछ सिखाती हैं। नागपुर में दूसरी पारी में अमला और फाफ ने शानदार बल्लेबाजी की। जबकि शुरू में यह असंभव लग रहा था, लेकिन उन्होंने दिखा दिया कि ऐसी पिचों पर भी बल्लेबाजी की जा सकती है। इन दोनों ने तीन घंटे से भी ज्यादा क्रीज पर जो समय बिताया, उसके लिए इन्हें खुद पर गर्व महसूस करना चाहिए। अच्छी गेंद पर बीट होने के बाद उनकी प्रतिक्रिया देखना अच्छा लगा। वे ठीक वैसे ही खड़े रहे, जैसे कि तस्वीर खिंचवा रहे हों। इससे पता चलता है कि वे कितना कुछ सोच रहे थे। शायद कह रहे थे, मैंने सब कुछ सही किया था और आगे की चीजें मेरे नियंत्रण में नहीं हैं।
नागपुर के अनुभव के बाद उन्होंने अहम चीजें सीखी होंगी कि जब आप ऐसी पिच पर बीट हो जाएं, तो संयम खोने के बजाय सिर्फ मुस्कुराना ज्यादा बेहतर है। आक्रमण करने की रणनीति की वजह से नागपुर की पहली पारी में वे सिर्फ 33.1 ओवर ही क्रीज पर टिक सके जबकि डिफेंस पर भरोसा करने के दम पर वे 90 ओवर तक बल्लेबाजी करने में सफल रहे।