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शारजाह की पारी अभी भी आती है याद

[वसीम अकरम की कलम से] सचिन ने विश्व क्रिकेट और भारतीय क्रिकेट के लिए शानदार काम किया है। उन्होंने टेस्ट, वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजी का हर रिकार्ड अपने नाम कर रखा है। उन्होंने वह सब कुछ हासिल किया, जो एक क्रिकेटर कर सकता है। विश्व क्रिकेट को निश्चित तौर पर उनकी कमी खलेगी।

By Edited By: Published: Sun, 23 Dec 2012 08:08 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2012 08:08 PM (IST)
शारजाह की पारी अभी भी आती है याद

[वसीम अकरम की कलम से] सचिन ने विश्व क्रिकेट और भारतीय क्रिकेट के लिए शानदार काम किया है। उन्होंने टेस्ट, वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजी का हर रिकार्ड अपने नाम कर रखा है। उन्होंने वह सब कुछ हासिल किया, जो एक क्रिकेटर कर सकता है। विश्व क्रिकेट को निश्चित तौर पर उनकी कमी खलेगी।

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उनकी गैरमौजूदगी का फायदा भारत को सकारात्मक तरीके से उठाना चाहिए और दिखाना चाहिए कि वनडे प्रारूप में उनके बिना भी टीम अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। मुझे लगता है कि अंजिक्य रहाणे और मनोज तिवारी जैसे युवा खिलाडि़यों को आगे आकर अपनी क्षमता दिखानी चाहिए। मेरे जेहन में 1998 में शारजाह में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गईं सचिन की पारियां अभी तक ताजा हैं। उन्होंने लगातार दो शतक जड़े थे। एक ओपनर के रूप में सचिन किसी के लिए भी सबसे बड़ा खतरा थे। लांस क्लूजनर और शाहिद आफरीदी जैसे पिंच हिटर का बल्ला कभी-कभी चलता है, लेकिन सचिन इनसे अलग हैं। वह हर मैच में सही क्रिकेट शाट्स से आपकी पिटाई कर सकते हैं। यही बात उन्हें अलग बनाती है। वनडे क्रिकेट में ओपनिंग के मामले में सिर्फ सनत जयसूर्या और एडम गिलक्रिस्ट ही सचिन के आसपास ठहर सकते हैं। सचिन टी-20 क्रिकेट से पहले ही खुद को अलग कर चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम को कोई मुश्किल नहीं होगी। आइपीएल के चलते कोहली और अश्विन जैसे खिलाडि़यों को इस प्रारूप का अपार अनुभव है। उन्हें अच्छी तरह पता है कि किस हालात में कब कैसा प्रदर्शन करना है। दूसरी तरफ पाकिस्तान इस मामले में संघर्ष कर रहा है, खासतौर से बल्लेबाजी विभाग में। क्योंकि उनका स्ट्राइक रेट भारतीयों की तरह नहीं है। हालांकि उनकी गेंदबाजी जरूर मजबूत है। भारत को अपने घरेलू मैदान पर दबाव को भी झेलना होगा। यह दबाव पाकिस्तान पर नहीं है। मैंने देखा है कि भारत ने वनडे टीम के लिए शमी अहमद को चुना है। मैं पिछले एक-डेढ़ साल से कहता रहा हूं कि वह मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। उनके पास तेजी है, वह अच्छी आउट स्विंग कराने के अलावा अच्छी रिवर्स स्विंग भी करते हैं। मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं ने यह अच्छा फैसला लिया है। वह अपने करियर के बिल्कुल सही समय पर टीम में चुने गए हैं। मेरे विचार में शमी और उमेश यादव भारतीय टीम का भविष्य हैं। दुर्भाग्य से वरुण एरोन काफी समय से चोटिल चल रहे हैं, उनके पास भी अच्छी स्पीड है। कुल मिलाकर मैं यही कहना चाहूंगा कि टी20 और वनडे में भारत का पलड़ा भारी है क्योंकि उनकी बल्लेबाजी काफी मजबूत है। हालांकि पाकिस्तान के पास सईद अजमल और उमर गुल हैं, जो सही समय पर विकेट लेने की योग्यता रखते हैं। मगर जब दोनों देशों के बीच मैच शुरू होता है, तो नजारा कुछ और ही होता है। इसलिए तैयार हो जाइए ढेर सारे रोमांच के लिए। [टीसीएम]

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