रोहित को भुनाना चाहिए था मौका
पहले दिन के खेल से दक्षिण अफ्रीकी टीम खुश होगी। कोटला की पिच बल्लेबाजी के लिए बहुत अच्छी है। पिच पर थोड़ी बहुत टर्न थी, लेकिन मैंने यही पाया कि भारतीय बल्लेबाजों का शॉट चयन खराब रहा।
(वसीम अकरम का कॉलम)
पहले दिन के खेल से दक्षिण अफ्रीकी टीम खुश होगी। कोटला की पिच बल्लेबाजी के लिए बहुत अच्छी है। पिच पर थोड़ी बहुत टर्न थी, लेकिन मैंने यही पाया कि भारतीय बल्लेबाजों का शॉट चयन खराब रहा।
रोहित शर्मा ने और भी निराश किया। वह प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं। वह करीब आठ साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और अभी तक उनके पास अच्छा-खासा अनुभव हो चुका है। टेस्ट में जब केवल एक क्षेत्ररक्षक सामने दूर खड़ा होता है तो आपको समझदारी से काम लेना होता है। उन्होंने उस वक्त जो शॉट खेला उसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। टेस्ट क्रिकेट खुद को साबित करने का मौका बहुत कम बार देता है। रोहित को इस मौके को भुनाना चाहिए था।
कप्तान को रोहित के साथ बैठकर उनके शॉट चयन पर बात करनी चाहिए। यदि मैं कप्तान होता तो मैं उन्हें टीम से बाहर करने की बजाय एक और मौका देता, क्योंकि वह अपार प्रतिभा के धनी हैं। टेस्ट टीम में जगह बनाना आसान नहीं है, क्योंकि टेस्ट के दरवाजे पर ढेरों खिलाड़ी खड़े हैं। ऋद्धिमान साहा को भी यह मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहिए जो उन्हें एमएस धौनी के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद मिला है। साहा भारत में मौजूद सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में से एक हैं। उनमें माद्दा है कि वह ढेरों रन बना सकें। बल्ले से उनका औसत 35 के करीब होना चाहिए, लेकिन इसके लिए उन्हें क्रीज पर वक्त बिताना होगा। उन्हें अपने शॉट चयन में सुधार लाना होगा।
चेतेश्वर पुजारा भी बहुत अच्छे बल्लेबाज हैं और तकनीकी रूप से वह बेहद ही मजूबत हैं, लेकिन वह यहां सीधी गेंद पर बोल्ड हो गए। उनके बल्ले और पैड के बीच गैप रह गया। मेरे विचार से वह बदकिस्मत रहे जो अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील करने से चूक गए।
दिन में भारत के लिए कुछ अच्छा रहा तो वह है अजिंक्य रहाणे की पारी। वह अपने खेल को लेकर बहुत जुनूनी हैं और यह उनकी बल्लेबाजी में भी नजर आता है। वह एक टीम मैन हैं, लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि वह अभी तक भारत में कुछ खास रन नहीं बना सके हैं। लेकिन अब मुझे यकीन है कि वह इस पारी के बाद आगे भी घरेलू सरजमीं पर कई बड़ी पारियां खेलेंगे।
(टीसीएम)