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टीम में जगह के हकदार हैं पार्थिव पटेल

पार्थिव पटेल की टीम में जगह बनती थी।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 25 Nov 2016 06:24 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2016 07:47 PM (IST)
टीम में जगह के हकदार हैं पार्थिव पटेल

सुनील गावस्कर का कॉलम

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चोटिल ऋद्धिमान साहा की जगह पार्थिव पटेल को भारतीय टीम में शामिल किया गया है। वह इसके पूरे हकदार हैं। पार्थिव प्रथम श्रेणी और सीमित ओवरों के क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हलांकि यह भी सच्चाई है कि महेंद्र सिंह धौनी की मौजूदगी में उनके लिए फिलहाल कोई मौका नहीं है। टेस्ट क्रिकेट से धौनी के संन्यास लेने के बाद साहा को उनकी जगह मिल गई है, लेकिन पार्थिव ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा। यह उनके प्रदर्शन की निरंतरता ही है, जिसके दम पर टीम में उनकी वापसी हुई। भारतीय शीर्षक्रम में सभी बल्लेबाज दायें हाथ के हैं, ऐसे में मोहाली में पटेल अहम साबित हो सकते हैं। वह छठे नंबर पर अश्विन से पहले क्रीज पर आ सकते हैं।

भारतीय कोच अनिल कुंबले ने बॉल टैंपरिंग मुद्दे को बहुत मजबूती और बिल्कुल सही ढंग से निपटा। यह याद रखना चाहिए कि आज सिर्फ मैदानी अंपायर नहीं हैं बल्कि टीवी रूम में भी अंपायर बैठे हुए हैं, जो एक-एक चीज पर नजर रखते हैं। वो ऐसी भी चीजें पकड़ लेते हैं, जो मैदानी अंपायर नहीं देख पाते। ऐसा कुछ नहीं हुआ, इसलिए भारतीय कप्तान के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। विदेशी मीडिया को अहमियत देने से ज्यादा अच्छा अपने लोगों पर विश्वास करना चाहिए। टीम इंडिया तीसरे मैच में भी लगभग पुरानी टीम के साथ ही उतरेगी, बस साहा की जगह पटेल होंगे। वैसे भी जब जरूरत न हो तो बदलने की जरूरत क्या है?

हालांकि दूसरे टेस्ट में भारत के लिए चीजें बहुत आसान रहीं। कप्तान एलिस्टेयर कुक और उनके युवा जोड़ीदार हसीब हमीद ने चौथे दिन के अंतिम सत्र में अच्छा संघर्ष किया। मगर बाकी इंग्लिश बल्लेबाजों ने पूरे दिन पिच पर टिकने का जज्बा नहीं दिखाया। यह निश्चित तौर पर टी-20 और बहुत ज्यादा सीमित ओवरों के क्रिकेट का एक साइड इफेक्ट है। सीमित ओवरों के क्रिकेट में बल्लेबाज हर गेंद को खेलने की कोशिश में रहता है, जबकि टेस्ट में आपको बहुत सी गेंद छोडऩी भी पड़ती है। हालांकि कुक और हमीद का डिफेंस काबिलेतारीफ था, लेकिन इससे यह सुनिश्चित हो गया था कि इंग्लैंड मैच जीतने की बिल्कुल कोशिश नहीं करेगा। इसका फायदा उठाते हुए भारत ने चौथे दिन की तुलना में आखिरी दिन ज्यादा आक्रामक फील्ड सजाई। भारतीय गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की, खासतौर से मुहम्मद शमी ने अपनी गति से प्रभावित किया। जो रूट का विकेट सबसे अहम था क्योंकि वह रक्षात्मक खेलते हुए भी रन बनाने की क्षमता रखते हैं। पदार्पण कर रहे जयंत यादव ने बेहद खूबसूरत गेंद पर खतरनाक बेन स्टोक्स को आउट किया। इसके बाद इंग्लैंड की हार तय हो गई।

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