वनडे में कोई भी स्कोर सुरक्षित नहीं: गावस्कर
एक बात तो तय है, जैसे 50 ओवरों के गेम ने टेस्ट मैच में ऊर्जा भरी थी, उसी तरह टी-20 मैच ने 50 ओवरों के गेम को प्रेरणा दी है। 1971 में जब वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई थी, उस समय 200 का स्कोर भी चुनौतीपूर्ण माना जाता था, लेकिन
(गावस्कर का कॉलम)
एक बात तो तय है, जैसे 50 ओवरों के गेम ने टेस्ट मैच में ऊर्जा भरी थी, उसी तरह टी-20 मैच ने 50 ओवरों के गेम को प्रेरणा दी है। 1971 में जब वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई थी, उस समय 200 का स्कोर भी चुनौतीपूर्ण माना जाता था, लेकिन बाद में बाउंसर पर बैन लगा, बाउंड्री छोटी हुई और बल्ले बड़े। खिलाड़ी पहले की तुलना में ज्यादा मजबूत हुए। इस वजह से चौके छक्कों की संख्या में कई गुना इजाफा हो गया। हालत यह हो गई कि कोई भी स्कोर सुरक्षित नहीं है। कुछ ही साल पहले ऑस्ट्रेलिया को 439 रन बनाने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका के हाथों अंतिम गेंद पर हार झेलनी पड़ी।
अब दक्षिण अफ्रीकी खिलाडि़यों ने एक बार फिर अपना जलवा दिखाया और वेस्टइंडीज के कमजोर गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाते हुए 443 रन ठोक डाले। एबी डिविलियर्स ने वनडे क्रिकेट का सबसे तेज शतक ठोक डाला। पहले सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड शाहिद अफरीदी के नाम था, जिन्होंने 1996 में 37 गेंद में शतक बनाया था। पिछले साल कोरी एंडरसन ने एक गेंद पहले शतक पूरा यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह रिकॉर्ड इतनी जल्दी टूट जाएगा, लेकिन एबी डिविलियर्स ने महज 31 गेंद में ऐसा कर दिखाया। आइपीएल के दौरान भारतीय डिविलियर्स को सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों की धुनाई करते देख चुके हैं। इसलिए उन्हें ज्यादा हैरानी नहीं हुई।
त्रिकोणीय सीरीज के पहले मैच में रोहित शर्मा ने शतक लगाकर भारत को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया, लेकिन मिशेल स्टार्क ने छह विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत सुनिश्चित कर दी। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ तो भारतीय टीम 150 के आसपास के स्कोर पर आउट हो गई और वो भी अपने कोटे के 10 ओवर पहले। यह माना जा सकता है कि टीम इंडिया इस त्रिकोणीय सीरीज को प्रयोग के तौर पर ले रही है और विश्व कप के लिए अभी तक वे संयोजन हासिल नहीं कर पाई है, बावजूद इसके खिलाडि़यों में जज्बे की कमी चिंता का विषय है।