भारत के साहसी युवाओं के बीच मुकाबला
इस समय राणा को भी किसी परिचय की जरूरत नहीं है।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
मुंबई बनाम दिल्ली के बीच शनिवार को होने वाले मैच को भारत के साहसी युवाओं के बीच मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है। पांड्या बंधु, राणा, नायर और अय्यर ने अपनी प्रतिष्ठा को सम्मान दिलाया है। ऋषभ पंत ने भी उमेश यादव के खिलाफ जमकर हाथ दिखाए थे। इस समय राणा को भी किसी परिचय की जरूरत नहीं है।
राणा के लिए हम में से कोई भी तैयार नहीं था। मुंबई इंडियंस की बेंच पर किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने इस युवा में कुछ देखा, जिससे उसमें विश्वास आया कि वह उनके लिए अहम कड़ी साबित हो सकता है। वह जितना भी समय क्रीज पर बिताता है उसके हर पल में वह अपनी मर्जी का मालिक होता है। वह इस आइपीएल को पूरी तरह से अपना बनाने की चुनौती दे रहा है।
गेंदबाजों के लिए कई वजहों से राणा मुश्किल बल्लेबाज है। वह गेंद को अच्छे से खेलता है। वह तेज शॉट मारता है, उसकी कलाई लचीली है और वह गजब का साहसी है। इस आइपीएल में उससे ज्यादा छक्के किसी ने भी नहीं मारे हैं, जो उनके अंदर के एक तरह के तूफान को बताता है।
यदि राणा ने दिल्ली से आकर मुंबई के लिए ऐसा किया है तो श्रेयस अय्यर ने भारत की राजधानी से इसका उल्टा रास्ता लिया है। दोनों की उम्र लगभग समान है। यदि युवाओं को जोखिमों से परिभाषित किया जाता है तो दिल्ली और मुंबई दोनों के पास बहुत कुछ है। युवाओं को लापरवाही की सीमा में नहीं बांधा जाना चाहिए। पिछले मैच में पंत ने जिस पहली गेंद का सामना किया था उस पर उन्हें युवराज की गेंद पर अपना बल्ला हवा में घुमाने का दोषी पाया गया। नतीजा पंत तुरंत पवेलियन लौट गए।
संजू सैमसन को भी नहीं भूलना चाहिए जो अभी 23 साल के भी नहीं हुए हैं और जिनके नाम इस आइपीएल का पहला शतक है। करुण नायर और जसप्रीत बुमराह अपने दम पर मैच का रुख बदलने वाले हैं। एक तरह से, शनिवार को वानखेड़े में भारत के टी-20 का भविष्य एकजुट होगा।
(टीसीएम)