मैच विनर साबित हो रहे हैं लेग स्पिनर
आइपीएल के मौजूदा सत्र में लेग स्पिनर मैच विनर साबित हो रहे हैं। आठों टीमों पर नजर डालें तो सब में कम से एक लेग स्पिनर जरूर मिलेगा। इनकी डिमांड हो भी क्यों न आखिर इनके गेंदबाजी एक्शन में अंगुली, कलाई और हाथ तीनों का मिश्रण जो होता है। इस
(रवि शास्त्री का कॉलम)
आइपीएल के मौजूदा सत्र में लेग स्पिनर मैच विनर साबित हो रहे हैं। आठों टीमों पर नजर डालें तो सब में कम से एक लेग स्पिनर जरूर मिलेगा। इनकी डिमांड हो भी क्यों न आखिर इनके गेंदबाजी एक्शन में अंगुली, कलाई और हाथ तीनों का मिश्रण जो होता है। इस कला से गेंद घूमने के साथ-साथ उछाल भी लेती है जिससे बल्लेबाज खासा परेशान होते हैं।
इनके पास गेंद को फ्लाइट और डिप कराने की भी क्षमता होती है। बल्लेबाज गेंद को आई लेवल से नीचे खेलना पसंद करते हैं। लेकिन लेग स्पिनर बल्लेबाजों को ऐसा करने नहीं देते। बल्लेबाज दायें हाथ का है तो ये गेंदबाज एक टांग पर उछलकर गेंद फेंकते हैं इससे ये ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि अमित मिश्रा, पीयूष चावला और नए गेंदबाज मुरुगन अश्विन ने आइपीएल के पहले हफ्ते में सबसे ज्यादा बल्लेबाजों को परेशान किया। इन सभी ने विकेट लिए और किफायती गेंदबाजी करते हुए लगभग पांच के औसत से रन खर्च किए। राइजिंग पुणे के खिलाफ मैच में रवींद्र जडेजा ने 17वें और 19वें ओवर में मात्र तीन रन दिए। खास बात ये है कि सभी बायें हाथ के गेंदबाज भारतीय हैं। जो विदेशी लेग स्पिनर आकर्षण का केंद्र हैं वो सुनील नरेन और ब्रैड हॉग हैं। शुक्रवार को पंजाब के खिलाफ मिश्रा ने कमाल की गेंदबाजी की। सातवें ओवर में गेंदबाजी करने आए मिश्रा ने पहली गेंद चढ़ी हुई डाली जिसपर शॉन मार्श स्टंप हो गए। एक ओवर बाद ही इन्होंने मिलर और मैक्सवेल दोनों को चलता किया। मिश्रा ने तीनों बल्लेबाजों को बड़ा शॉट लगाने के लिए लालच दिया। लेकिन तीनों नाकाम रहे।
गेंद धीमी होने के साथ लेग स्पिनर और भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। टूटी पीच पर इनकी गेंदें और भी धारदार हो जाती हैं। स्पिन गेंदबाजी की पहचान बनाए रखने में इनका योगदान शानदार रहा है।
(टीसीएम)