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टेस्ट क्रिकेट से टॉस खत्म करने के प्रस्ताव पर पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कह दी ये बड़ी बात

मुंबई में आईसीसी की क्रिकेट समिति की बैठक में इस बात पर विचार विमर्श किया जाएगा कि टेस्ट क्रिकेट के खेल से टॉस खत्म कर देना चाहिये या नहीं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 06:43 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 06:43 PM (IST)
टेस्ट क्रिकेट से टॉस खत्म करने के प्रस्ताव पर पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कह दी ये बड़ी बात
टेस्ट क्रिकेट से टॉस खत्म करने के प्रस्ताव पर पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कह दी ये बड़ी बात

नईदिल्ली, जेएनएन। टेस्ट क्रिकेट से टॉस खत्म करने की कवायद इन दिनों जोरों पर है। दुनियाभर के दिग्गज क्रिकेटर इस समय टेस्ट क्रिकेट से टॉस खत्म करने की परंपरा पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं इसी क्रम में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद ने भी इस मसले पर अपनी राय व्यक्त की है। मियांदाद ने टेस्ट क्रिकेट से टॉस खत्म करने की परंपरा का समर्थन करते हुए कहा है कि, इस फैसले से सभी मेजबान टीमें अपनी टीम के लिए फायदेमंद पिच बनाने की बजाए उच्च गुणवत्ता वाली पिचों पर जोर देंगी।

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जब जावेद मियांदाद से टेस्ट क्रिकेट से टॉस खत्म करने के प्रस्ताव पर राय मांगी गई तब उन्होंने कहा, ‘मुझे टेस्ट क्रिकेट से टॉस की परंपरा खत्म करने के प्रयोग में कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है।’ इस मामले में मियांदाद का मत है कि, ‘इससे मैच खासकर टेस्ट क्रिकेट अच्छी पिचों पर खेले जाएंगे। क्योंकि इससे मेजबान टीमें टॉस की बजाय बेहतर पिचों के निर्माण पर ध्यान देंगी।’

मियांदाद ने आगे इस मामले पर कहा कि, ‘हमने हाल ही में देखा है कि यूएई जैसे मैदान पर जहां पिचे धीमी हैं और कम उछाल वाली हैं वहां पर पाकिस्तान ने मैच जीते हैं। तो वहीं न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी जगहों पर पाकिस्तानी टीम संघर्ष करती हुई नजर आई है। इन असमानताओं से बचने के लिए इसके लिए जरूरी है कि अच्छी पिचों पर क्रिकेट खेला जाए।’

आपको बता दें कि इसी महीने मुंबई में आईसीसी की क्रिकेट समिति की बैठक में इस बात पर विचार विमर्श किया जाएगा कि टेस्ट क्रिकेट के खेल से टॉस खत्म कर देना चाहिये या नहीं। आपको बता दें कि सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टॉस की परंपरा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच साल 1877 में शुरू की गई थी। यह मैच टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का पहला मैच था। अभी हाल के दिनों में ही क्रिकेट आलोचकों ने टॉस की इस परंपरा पर सवाल उठाए हैं। इन आलोचकों के मुताबिक टॉस उछालकर बल्लेबाजी का फैसला करने से मेजबान टीम को ज्यादा फायदा होता है।


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