कुछ कर दिखाने को आतुर है आयरलैंड: गावस्कर
विश्व कप के पहले हफ्ते में हमने कुछ शानदार बल्लेबाजी देखी, जहां ज्यादातर टीमों ने आसानी से 300 या इससे ज्यादा रन बनाए। वेस्टइंडीज ने 300 रन बनाने के बाद सोचा होगा कि वे सुरक्षित जोन में पहुंच चुके हैं, लेकिन आयरलैंड ने दिखाया वे यहां यू हीं हार मानने
(गावस्कर का कॉलम)
विश्व कप के पहले हफ्ते में हमने कुछ शानदार बल्लेबाजी देखी, जहां ज्यादातर टीमों ने आसानी से 300 या इससे ज्यादा रन बनाए। वेस्टइंडीज ने 300 रन बनाने के बाद सोचा होगा कि वे सुरक्षित जोन में पहुंच चुके हैं, लेकिन आयरलैंड ने दिखाया वे यहां यू हीं हार मानने नहीं आए हैं। उन्होंने न केवल लक्ष्य हासिल किया बल्कि कुछ गेंद शेष रहते हासिल किया। इसके तुरंत बाद आयरिश खिलाडिय़ों ने इसे उलटफेर मानने से इन्कार कर दिया, लेकिन आइसीसी रैंकिंग के अनुसार उनकी बात गलत थी। जब भी कोई भी कम रैंकिंग वाली टीम अपने से ज्यादा रैंकिंग वाली टीम को हराती है तो वह उलटफेर ही होता है और विश्व कप में आयरलैंड को उलटफेर करने की आदत सी हो गई है। बड़ा सवाल यह है कि क्या और भी उलटफेर कर जाइंट किलर का तमगा और पुख्ता कर पाएंगे। यदि वे इसमें सफल रहते हैं तो फिर आइसीसी के स्थायी सदस्यों में जगह पाने की यह उनकी तरफ से गंभीर कोशिश होगी। वेस्टइंडीज को अब पाकिस्तान से भिडऩा है। दोनों ही टीमों ने अपने पहले मुकाबले गंवाए हैं, ऐसे में दोनों ही अपना खाता खोलने को बेताब होंगे।
क्योंकि न्यूजीलैंड में मौसम को लेकर सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता और वहां होने वाले मैच में बारिश से बाधा पहुंच सकती है। ऐसे में बड़े अंतर से मैच जीतकर दोनों ही टीमें अपना नेट रनरेट बेहतर करना चाहेंगी। उमर अकलम को विकेटकीपर के तौर पर टीम में शामिल कर एक अतिरिक्त गेंदबाज को अंतिम एकादश को टीम में शामिल करने की रणनीति पर पाकिस्तान को एक बार फिर विचार करने की जरूरत है। मुहम्मद हफीज की कमी उन्हें खल रही है। हफीज गेंदबाजी का विकल्प देने के साथ-साथ शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी भी करते थे। ऐसे में जब वह टीम में नहीं हैं, पाकिस्तान को अपने नियमित विकेटकीपर को बाहर कर अकमल से कीपिंग करवानी पड़ रही है। लेकिन यह उनके लिए घातक साबित हुआ। भारत के खिलाफ मैच में अकमल ने विराट कोहली का आसान कैच टपकाया। ऐसा नहीं है कि उनके नियमित विकेटकीपर सरफराज बल्लेबाजी नहीं कर सकते। कुछ महीने पहले ही उन्होंने मैच जिताऊ पारी खेली थी। फिलहाल वह लय में नहीं नजर आ रहे हैं, लेकिन ऐसा दौर हर क्रिकेटर के करियर में आता है। भारत ने जिस तरह से खराब दौर में भी शिखर धवन पर अपना विश्वास बनाए रखा, वह देखने और सीखने वाली बात है। टीम प्रबंधन का यह विश्वास पाकिस्तान के खिलाफ बड़े मैच में काम कर गया और धवन ने कोहली के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी की और टीम के जीत की नींव रखी।