बाहर जाती गेंद से छेड़छाड़ का खामियाजा भुगता भारत ने
भारत बल्लेबाजों को एक बार फिर से द. अफ्रीकी पिच पर बल्लेबाजी में परेशानी हुई।
(गावस्कर का कॉलम)
केपटाउन में भारत को मैच में बनाए रखने के लिए हार्दिक पांड्या ने अपने अंदाज में आक्रामक पारी खेली। भारत के सबसे महान मैच विनर कपिल देव का आज जन्मदिन है और वह भी इस पारी की प्रशंसा कर रहे होंगे। पांड्या को अगला कपिल देव कहा जाता है। हालांकि वह खुद अपने आपको अपने नाम से पहचाना जाना पसंद करेंगे, लेकिन अगर वह कपिल देव की उपलब्धियों का आधा भी हासिल कर पाए, तो भारत ज्यादा मैच जीत पाएगा। कपिल देव देश के सबसे बड़े मैच विनर इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से मैच जिताए हैं। पांड्या अभी सीख रहे हैं और जिस ढंग से वह चीजों को पकड़ रहे हैं, वह भी जल्द ही ऐसे कारनामे कर पाएंगे।
भारतीय बल्लेबाजों ने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद से जरूरत से ज्यादा छेड़छाड़ कर निराश किया। पहले दिन का खेल खत्म होने पर तीन विकेट गंवाने की कोई जरूरत नहीं थी और यह बड़ा झटका था। विजय ने काफी सारी बाहर जाती गेंदों को समझदारी से छेड़ा, लेकिन एक ऐसी ही गेंद पर बल्ला लगाकर अपना विकेट गंवा बैठे। धवन एक बार फिर से उछाल लेती गेंदों को नहीं संभाल पाए और पिछले दौरों की तरह इस बार भी वह पुल शॉट खेलने की कोशिश में अपना विकेट दे बैठे। अगर कोई शॉट आपका मजबूत पक्ष नहीं है तो बेहतर है कि उसे न खेलें। उस शॉट को तभी खेलें जब आप क्रीज पर जम चुके हों। कोहली एक अच्छी गेंद पर आउट हुए, लेकिन उन्हें भी पता था कि उस गेंद को छोड़ा जा सकता था।
लंच के बाद पहली गेंद पर पुजारा का संयम जवाब दे गया और अश्विन की तरह बाहर जाती गेंद पर बल्ला लगा दिया। रोहित एक बार फिर से पुरानी समस्या का शिकार हुए। उनका फ्रंट फुट बाहर नहीं निकल पाया और वह एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। पांड्या और भुवनेश्वर ने हालांकि स्थिति को संभाला। खासतौर से पांड्या शानदार रहे। भुवनेश्वर ने भी क्रीज पर डटे रहकर साझेदारी को आगे बढ़ाकर भारत को मैच में बनाए रखा। पिच आसान होती जा रही है, लेकिन महाराज गेंद को टर्न कराने में कामयाब रहे, ऐसे में चौथे दिन बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा। सबसे अहम बात यह है कि पांड्या और भुवनेश्वर ने दिखाया कि चीजों को कैसे सही किया जा सकता है। अब भारत के शीर्ष बल्लेबाजों को दिखाना चाहिए कि वे अपनी गलतियों से सीखने में गलती नहीं करते।