भारतीय स्पिनर्स कैरेबियाई बल्लेबाजों के लिए चुनौती
वेस्टइंडीज की टीम की तुलना में ज्यादा बेहतर दिख रही है और बल्लेबाजी में पुराने कैरेबियाई रंग की झलक दिख रही है।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में होने वाले पहले टेस्ट के लिए 12 भारतीय खिलाड़ियों की घोषणा के साथ 18 वर्षीय खिलाड़ी के पदार्पण का माहौल बन गया है। पिछले दो साल में पृथ्वी शॉ ने भारतीय कैप हासिल करने के लिए काफी कुछ किया है। जूनियर स्तर या भारत-ए की तरफ से खेलते हुए उन्होंने लगभग हर मैच में शानदार प्रदर्शन किया है।
इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ना चाहिए। केएल राहुल के साथ मिलकर वह एक यादगार ओपनिंग साङोदारी कर सकते हैं। मयंक अग्रवाल इस बार चूक गए, क्योंकि चयनकर्ता फिर से वही कदम उठाने को तैयार नहीं थे, जो उन्होंने ओवल में उठाया था। उस समय उन्होंने पहले से टीम में शामिल करुण नायर की जगह हनुमा विहारी को शामिल किया था।
निश्चित तौर पर अग्रवाल को जल्द ही मौका मिलेगा। हालांकि, उनके साथ नायर जैसा ना हो जाए, जिन पर टीम प्रबंधन को बिलकुल भी विश्वास नहीं है।1सवाल यह है कि भारत तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरेगा या जैसा कि भारतीय परिस्थितियों में होता है, वह तीन स्पिनर पर भरोसा जताएगा।
इंग्लैंड में आखिरी टेस्ट में रिषभ पंत ने बहुत ही अच्छी बल्लेबाजी की थी और अश्विन के सभी चार शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ हैं। इनकी मौजूदगी से बल्लेबाजी घरेलू स्थितियों में काफी मजबूत दिख रही है। जडेजा की बल्लेबाजी में काफी सुधार आया है और पिच से थोड़ी भी मदद मिलने पर वह ढेर सारे विकेट भी ले सकते हैं। कुलदीप को संभालना भी आसान नहीं होगा और उपमहाद्वीप में अश्विन को आमतौर पर खेलना लगभग असंभव हो जाता है।
वेस्टइंडीज की टीम की तुलना में ज्यादा बेहतर दिख रही है और बल्लेबाजी में पुराने कैरेबियाई रंग की झलक दिख रही है। इन परिस्थितियों में होंगे। यह देखना रोचक होगा कि वह भारतीय स्पिनरों का सामना कैसे करते हैं। उनकी गेंदबाजी में काफी धार है। गैब्रियल नियमित तौर पर 150 की गति छू रहे हैं।